________________ उरगाईण वि मंता, अविहीए उ अहिज्जिया / विसं जओ न नासंति, तम्हा उ विहिणा पढे // 17 // इहलोगम्मि तिदंडी, सादिव्वं माउलिंगवणमेव / परलोए चंडपिंगल, हुंडियजक्खो य दिटुंता // 18 // कोऽहं पुणो कम्मि कुलम्मि जाओ, किं सम्मदिट्ठी वयनियमधारी / उयाहु हं दंसणमित्तजुत्तो, एयं तु अन्नं च विचिंतइज्जा // 19 // इकं व दो तिन्नि व पंच सत्त, अणुव्वयाई नियमे वयाई / एकेकभेएण दुहा तिहेणं, पक्खं च मासं अह जावजीवं // 20 // छण्हं तिहीण मज्झम्मि, का तिही अज्ज वासरे / किं वा कल्लाणगं अज्ज, लोगनाहाण संतियं // 21 // पच्चक्खाणं तु जं तम्मि, दिणम्मि गिव्हियव्वयं / चितेऊणं सुसड्ढो उ, कुणइ अन्नं तओ इमं // 22 // तसाइजीवरहिए, भूमीभागे विसुद्धए / फासुएणं तु नीरेणं, इयरेण गलिएण उ . // 23 // काऊणं विहिणा ण्हाणं, सेयवत्थनियंसणो / मुहकोसं तु काऊणं, गिहबिबाणि पमज्जए // 24 // गंधोदएण पहावित्ता, जिणे तेलोक्कबंधवे / गोसीसचंदणाईहिं, विलिपित्ता य पूयए. // 25 // पुप्फेहि गंधेहिं सुगंधिएहि, धूवेहिं दीवेहि य अक्खएहि / माणाफलेहिं च घएहिं निच्चं, पाणीयपुन्नेहिं य भायणेहिं // 26 // जओ पूयापभावेणं, सुव्वए जिणसासणे / देवत्तं नरनाहत्तं, तित्थनाहत्तणं तहा // 27 // थेरी कुरुनरिंदो य, सुव्वओ जिणसेहरो / सच्चई वासुदेवो य, नारओ य महायसो // 28 // . 10