________________ // 360 // // 361 // // 362 // // 363 // // 364 // // 365 // न य संसारम्मि सुहं जाइजरामरणदुक्खगहियस्स। जीवस्स अस्थि जम्हा तम्हा मुक्खो उवादेओ.. जच्चाइदोसरहिओ अव्वाबाहसुहसंगओ इत्थ / तस्साहणसामग्गी पत्ता य मए बहू इण्डिं ता इत्थ जं न पत्तं तयत्थमेवुज्जमं करेमि त्ति। . विबुहजणनिदिएणं किं संसाराणुबंधेणं वेरग्गं कम्मक्खय विसुद्धनाणं च चरणपरिणामो। थिरया आउ य बोही इय चिंताए गुणा हुँति / गोसम्मि पुव्वभणिओ नवकारेणं विबोहमाईओ। इत्थ विही गमणम्मि य समासओ संपवक्खामि अहिगरणखामणं खलु चेइयसाहूणं बंदणं चेव। संदेसम्मि विभासा जइगिहिगुणदोसविक्खाए साहूण सावगाण य सामायारी विहारकालम्मि। जत्थरिथ चेइयाइं वंदावंति तहिं संघं पढम तओ य पच्छा वंदंति सयं सिया ण वेल त्ति। पढम चिय पणिहाणं करंति संघम्मि उवउत्ता पच्छा कयपणिहाणा विहरंता साहूमाइ दट्टण / जंपति अमुगठाणे देवे वंदाविया तुब्भे ते वि य कयंजलिउडा सद्धासंवेगपुलइयसरीरा / अवणामिउत्तमंगा तं बहु मन्नंति सुहझाणा तेसिं पणिहाणाओ इयरेसि पि य सुभाउ झाणाओ। पुन्नं जिणेहिं भणियं नो संकमउ त्ति ते मेरा जे पुणऽकयपणिहाणा वंदित्ता नेव वा निवेयंति। . पच्चक्खमुसावाई पावा हु जिणेहिं ते भणिया // 366 // // 367 // // 368 // // 369 // // 370 // . // 371 // 194