________________ // 204 // // 205 // // 206 // // 207 // // 208 // // 209 // नणु तं न जहोवचियं तहाणुभवओ कयागमाईया। तप्पाओग्गं चिय तेण तं चियं सज्झरोगुव्व अणुवक्कमओ नासइ कालेणोवक्कमेण खिप्पं पि / कालेणेवासज्झो सज्झासज्झं तहा कम्म सोवक्कममिह सज्झं इयरमसझं त्ति होइ नायव्वं / सज्झासज्झविभागो एसो नेओ जिणाभिहिओ आउस्स उवक्कमणं सिद्धं जिणवयणओ य सद्धेयं / जंछउमत्थो सम्मं नो केवलिए मुणइ भावे एयस्स य जो हेऊ सो वहओ तेण तन्निवित्ती य / वंझासुयपिसियासणनिवित्तितुल्ला कहं होइ अन्ने भणंति कम्मं जं जेण कयं स भुंजइ तयं तु। चित्तपरिणामरूवं अणेगसहकारिसाविक्खं तक्कयसहकारितं पवज्जमाणस्स को वहो तस्स। . नस्सेव तओ दोसो जं तह कम्मं कयमणेणं बइ तेण तहा अकए तं वहइ तओ सतंतभावेण / अनं पि किं न एवं वहेइ अणिवारियप्पसरो नय सव्वो सव्वं चिय वहेंइ निययस्सभावओ अह न / वज्झस्स अफलकम्मं वहगसहावेण मरणाओ नियकयकम्मुवभोगे वि संकिलेसो धुवं वहंतस्स / बतो बंधो तं खलु तब्बिरईए विवज्जिज्जा ततु चिय मरियव्वं इय बद्धे आउयम्मि तविरई। नणु किं साहेई फलं तदारओ कम्मखवणं तु तत्तु च्चिय सो भावो जायइ सुद्धेण जीववीरिएण। कस्सइ जेण तयं खलु अवहित्ता गच्छइ मुक्खं 181 // 210 // // 211 // // 212 // // 213 // // 214 // // 215 //