________________ अलियं च जंपमाणो मूगत्ताईणि लहइ दुक्खाणि / जायइ तहेह निहणं वसुराया एत्थुदाहरणं .. जे मिउ सच्चं जंपंति निउणयं सव्वसत्तहियजणगं / ते इह पुज्जा रिसिनारउ व्व सुगई पुणो जंति // 34 // बुद्धीपुवं काऊण जंपए अंधगोविव सचक्खू / अप्पाणम्मि परम्मी वज्जतो पीडमुभओ वि // 35 // सहसाअब्भक्खाणं रहसं च सदारमंतभेयं च / मोसुवएसं तह कूडलेहकरणं च वज्जिज्जा // 36 // अब्भक्खाणाईणि उ जाणंतो जइ करेज्ज तस्स भवे / / भंगो पावस्सुदए मूलं सो सव्वदुक्खाणं // 37 // तेसिं नमामि पयओ साहूणं गुणसहस्सकलियाणं / जेसि मुहाउ निच्चं सच्चं अमयं व पज्जरए / // 38 // सामीजीवादत्तं तित्थयरेणं तहेव गुरुएहिं / एयस्स उ जा विरई होइ अदत्ते सरूवं तु. // 39 // सच्चित्ताचित्तोभय दुपय चउप्पय तहेव अपयं च / जेण य चोरक्कारो विसओऽदत्तम्मि सो नेओ // 40 // गुणट्ठाणयम्मि तह परिणयम्मि जीवस्स कुगइभीयस्स / वयगहपरिणामो च्चिय होइ दढं तिव्वसड्ढस्स // 41 // जे पुण करंति विरई अदिन्नदाणस्स नेह लोभिल्ला / ते मंडियविजया इव चोरा पावंति दुक्खाइं // 42 // परदव्वहरणविरया गुणवंता पडिमसंठिय सुसीला / इहपरलोए. सुहकित्तिभायणं नागदत्तो व्व // 43 // उचियकलं जाणेज्जसु धरिमे मेए कलंतराइसु य / पडियस्स य गहणम्मी जयणा सव्वत्थ कायव्वा // 44 // 155 ..