________________ मुणीण णाणाइगुणालयाणं, समुद्दचंदादिनिदंसणाणं / जयं जया जाण जहाणुरूवं, तयं तया ताण तहा विहेह // 71 / / जं जोणिलक्खागणम्मि भीमे, अणोरपारम्मि भवोदहिम्मि / कलोलमाला व सया भमंता, दुक्खं व सोक्खं व सयं सहंता // 72 मणुस्सजम्मं जिणनाहधम्मं, लहंति जीवा खविऊण कम्मं / * महाणुभावाण मुणीण तम्हा, जहासमाही पडितप्पियव्वं // 73 // कायव्वं ताव दिट्ठाणं अब्भुट्ठाणं ससंभमं / अंजलीपग्गहो सम्मं, आसणस्स पणामणं // 74 // आसणाभिग्गहो चेव, विहाणेण य वंदणं / ठाणट्ठियाण कालम्मि भत्तीए पज्जुवासणा // 75 // इंताणं सम्मुहं जाणं, गच्छंताणं अणुव्वए / कारणं अट्ठहा एसो विणओ ओवयारिओ // 76 // भासियव्वं हियं वकं जं परीणामसुंदरं / मियं थेवेहि वण्णेहिं सहावमहुरं तहा // 77 // पुव्वं बुद्धीए पेहेत्ता भासियव्वं सुहासियं / दुटुं चित्तं निरुंभेत्ता उदीरे कुसलं मणं // 78 // जहा जहा महाजणम्मि आढिया होंति साहुणो। सव्वं सव्वपयत्तेण कुज्जा कायव्वं तहा // 79 // गुणाणं बहुमाणेणं वण्णवायं वए फुडं / / जहा गुणाणुरागेण लोगो मग्गं पवज्जई // 80 // . अहापवत्तसुद्धाणं संताणं फासुयाण य / एसणिज्जाण कप्पाणं तिहा वि विहिणा सयं // 81 // काले पत्ताण पत्ताणं धम्मसद्धा-कमाइणा / असणाईण दव्वाणं दाणं सव्वत्थसाहणं // 82 //