________________ आहाकम्मुद्देसिय-पूइकम्मे य मीसजाए य / ठवणा पाहुडियाए, पाओयर-कीयपामिच्चे / // 120 // परियट्टिए अभिहडु-ब्भिन्ने मालोहडेइ य / आच्छिज्जे अणिसिद्धे, अज्झोयर एय सोलसिमे // 121 // धाई-दूइ-निमित्ते, आजीव-वणीमगे तिगिच्छा य / कोहे माणे माया, लोभे य हवंति दस एए // 122 // पुदि-पच्छा संथव, विज्जा-मंते य चुन्न-जोगे य / उप्पायणाए दोसा, सोलसमे मूलकम्मे य // 123 // संकिय-मक्खिय-निक्खित्त-पिहिय-साहरिय-दायगु-म्मीसे / अपरिणय-लित्त-छड्डिय, एसणदोसा दस हवंति // 124 // एयद्दोसविमुक्को जईण, पिंडो जिणेहिणुण्णाओ। सेसकिरियाठियाणं, एसो पुण तत्तओ. नेओ // 125 // जस्सट्ठा आहारो आरंभो होइ तस्स नियमेण / . आरंभे पाणिवहो, पाणिवहे होइ वयभंगो . // 126 // भुञ्जइ आहाकम्मं, सम्मं न जो पडिक्कमइ लुद्धो / सव्वजिणाणाविमुहस्स, तस्स आराहणा णत्थि // 127 // संथरणम्मि अशुद्धं, दोण्ह वि गिण्हंत-दितयाणऽहियं / आउरदिटुंतेण, तं चेव हियंति निद्दिटुं . // 128 // फासुय-एसणिोहिं, फासुय-ओहासिएहि. किं एहिं / पूईए मीसएण य, आहाकम्मेण जयणाए // 129 // उस्सगेण निसिद्धाणि, जाणि दव्वाणि संथरे जइणो / कारणजाए जाए, अववाए ताणि कप्पंति // 130 // पुढवाइसु आसेवा, उप्पन्ने कारणम्मि जयणाए / मिगरहियस्स ठियस्स, अववाओ होइ णायव्वो // 131 // . 136