________________ // 47 // // 48 // // 49 // // 50 // // 51 // // 52 // आगमो चेव जीवाणं जणणी णेहणिब्भरा / जोग-खेमंकरो निजं आगमो जणगो तहा राग-द्दोस-कसाघाइदुट्ठसावयसंकुले / एसो संसारकंतारे सत्थाहो मग्गदेसओ सारीर-माणसाणेयदुक्ख-कुग्गाहसागरे / बुड्ताणं इमो झत्ति हत्थालंबं पयच्छइ महाविज्जासहस्साणं महामंताणमागमो / भूइट्ठाणं सुदिट्ठाणं एसो कोसो सुहावहो चिंताइयं फलं देइ एसो चिंतामणी परो / मण्णे तं नत्थि जं नत्थि इत्थ तित्थंकरागमे आगमं आयरंतेण अत्तणो हियकंखिणा / तित्थणाहो गुरु धम्मो ते सव्वे बहुमण्णिया बहुमाणेण एयम्मि नत्थि तं जं न मन्त्रियं / तेलोक्के मन्नणेज्जाणं वुत्तो ठाणं जओ इमो न यागमं पमोत्तूणमन्नं मण्णंति सूरिणो / पमाणं धम्ममग्गम्मि दिटुंतं बेंति केवली कल्लाणाणं महंताणं अणंताणं सुहाण य / भायणं चेव जे जीवा ते तं भावेंति भावओ अण्णाणं मंदपुण्णाणं णिसामंताण कत्थई / कण्णसूलं समुप्पज्जे अमयं पि विसं भवे ता एवं जेऽवमण्णंति बाला हीलंति आगमं / घोरंधारे दुरुत्तारे अहो गच्छंति ते नरा जिणाऽऽणं लंघए मूढो 'किलाहं सुहिओ भवे' / जाव लक्खाइँ दुक्खाणं आणाभंगे कओ सुहं ? // 53 // // 54 // // 55 // // 56 // // 57 // // 58 //