________________ // 88 // कारवियाई कयाई तह अणुनायाइं जाइं ताइं अहं।। तिविहेण वोसिरामि अरिहंताईण पच्चक्खं कत्थ वि कयं कुतित्थं जं च कुसत्थं तहेव सत्थं च। निण्हविओ तह मग्गो पयासिओ वा अमग्गो य / // 89 // मुक्कं पावनिलुक्कं देहं दव्वं कुटुंबसयणाई / अहवा जीवेहि समं कह वि निबद्धाइं वेराइं ' // 9 // मोहंधेण य रइयं हलउक्खलमुसलपमुहमहिगरणं / तं वोसिरियं सव्वं तिविहेणं पाणिवहकरणं // 91 // परिचत्ताई पनरस कम्मादाणाई जाइं विहियाई / अन्नं पि मए चत्तं जं चिय मिच्छत्तवुढिकरं // 92 // जं असुइसियं पि हु देहं बहु मन्नियं मए एयं / तं पि हु अंतिमऊसासेहिं तिकटु वोसिरियं // 93 // तह सव्वदव्वजोगो सरीरजोगो य कम्मसंजोगो / सव्व इमे संजोगा जावज्जीवाइ वोसिरिया // 94 // पच्चक्खाइ चउव्विहमाहारं जो पुणो निरागारं। . अणुमोयइ सुकयाई आलोयइ पावकम्माई // 95 // अंते जो संथारगपव्वज्जं वा पवज्जइ धीरो / सो परलोए सुहिओ हवइ नरो लहइ पुण बोहिं // 96 // नाणदंसणचारित्तरयणत्तयभूसिओ। अदूसिओ य दोसेहिं जीवो होइ न दुक्खिओ // 97 // चउसरणं पडिवन्नो जीवो संसारकज्जनिव्विन्नो / भावेइ भावणाओ अणिच्चआईओ सव्वाओ // 98 // विहवो सज्जणसंगो विसयसुहाई विलासललियाईं। . नलिणीदलग्गघोलिरजललवपरिचंचलं सव्वं . // 99 // . 314