________________ पारतंतविहिविसइविमुक्कउ जणु इउ बुल्लइ मग्गह चुक्कउ। तिणि जणु विहिधम्मिहि सह झगडइ इह परलोइ वि अप्पा रगडइ तु वि अविलक्खु विवाउ करंतउ किवइ न थक्कइ विहि असहंतउ। जो जिणभासिउ विहि सु कि तुट्टइ ? सो झगडंतु लोउ परिफिट्टइ दुप्पसहंतु चरणु जं वुत्तउ तं विहि विणु किव होइ निरुत्तउ? / इक्क सूरि इक्का वि स अज्जी इक्कु देस जि इक्क वि देसज्जी // 54 // तह वीरह तु वि तित्थु पयट्टइ तं दसवीसह अज्जु कि तुट्टइ ? / नाणचरणदंसणगुणसंठिउ संघु सु वुच्चइ जिणिहि जहट्ठिउ // 55 // दव्वखित्तकालठिइ वट्टइ गुणि-मच्छरु करंतु न निहट्टइ। गुणविहूणु संघाउ कहिज्जइ लोअपवाहनईए जो निज्जइ // 56 // जुत्ताजुत्तु वियारु न रुच्चइ जसु जं भावइ तं तिण वुच्चइ। अविवेइहिं सु वि संघु भणिज्जइ परं गीयत्थिहिं किव मन्निज्जइ? विणु कारणि सिद्धति निसिद्धउ वंदणाइकरणु वि.जु पसिद्धउ। तसु गीयत्थ केम कारण विणु पइदिणु मिलहिं करहिं पयवंदणु ? // 58 जो असंघु सो संघु पयासइ जु जि संघु तसु दूरिण नासइ। जिव रायंध जुवइदेहंगिहिं चंद कुंद अणहुंति वि लक्खहिं // 59 // तिव दंसणरायंध निरिक्खहि जं न अस्थि तं वत्थु विवक्खहि। ते विवरीयदिट्ठि सिवसुक्खई पाविहि सुमिणि वि कह पच्चक्खइ? दम्म लिति साहम्मिय-संतिय अवरुप्परु झगडंति न दिति य। ते विहिधम्मह खिस महंति य लोयमज्झि झगडंति करंति य // 61 / / जिणपवयणअफ्भावण वड्डी तउ सम्मत्तह वत्त वि बुड्डी। जुत्तिहि देवदव्युतं भज्जइ हुंतउं मग्गइ तो वि न दिज्जइ // 6 // बेट्टा बेट्टी परिणाविज्जहिं ते वि समाणधम्मघरि दिज्जहिं। . विसमधम्मघरि जइ वीवाहइ तो सम(म्म)त्तु सुनिच्छइ वाहइ // 63 // 301