________________ // 31 // जइ किर फुल्लइ लब्भइ मुल्लिण तो वाडिय न करहि सहु कूविण। थावर घरहट्टइ न करावहि जिणधणु संगहु करि न वद्धारहि // 28 // जइ किर कु वि मरंतु घरहट्टइ देइ त लिज्जहि लहणावट्टई। अह कु वि भत्तिहि देइ त लिज्जहि तब्भाडयधणि जिण पूइज्जहि॥ 29 दित न सावय ते वारिज्जहिं धम्मिकज्जि ते उच्छाहिज्जहि / घरवावारु सव्वु जिव मिल्लहिं जिव न कसाइहिं ते पिल्लिज्जहि // 30 // तिव तिव धम्मु कहिंति सयाणा जिव ते मरि वि हुंति सुरराणा। चित्तासोय करंत वाहिय जण तहिं कय हवंति नट्ठाहिय जिव कल्ाणयपुट्ठिहि किज्जहिं तिव करिति सावय जहसत्तिहिं / जा लहुडी सा नच्चाविज्जइ वड्डी सुगुरुवयणि आणिज्जइ // 32 / / जोव्वणत्थ जा नच्चइ दारी सा लग्गइ सावयह वियारी। तिहि निमित्तु सावयसुय फट्टहिं जंतिहिं दिवसिहिं धम्मह फिट्टहिं // 33 बहुय लोय रायंध स पिच्छहि जिणमुहपंकउ विरला वंछहि। जणु जिणभवणि सुहत्थु जु आयउ मरइ सु तिक्खकडक्खिहिं घायउ राग विरुद्धा न वि गाइज्जहिं हियइ धरंतिहि जिणगुण गिज्जहिं। पाड वि न हु अजुत्त वाइज्जहिं लइवुडिडउंडिपमुह वारिज्जहि // 35 उचिय थुत्तिथुयपाढ पढिज्जहिं जे सिद्धतिहिं सहु संधिज्जहि / तालारासु वि दिति न रयणिहिं दिवसि वि लउडारसु सहुं पुरिसिहि // 36 धम्मिय नाडय पर नच्चिज्जहिं भरहसगरनिक्खंमण कहिज्जहि / चकवट्टिबलरायह चरियई नच्चि वि अंति हुंति पव्वइयइं // 37 // हास खिड्डु हुड्डु वि वज्जिज्जहिं सहु पुरिसेहि वि केलि न किज्जहिं।। रत्तिहि जुवइपवेसु निवारहिं न्हवणु नंदिन पइट्ट करावहिं // 38 // माहमालजलकीलंदोलय ति वि अजुत्त न करंति गुणालय।। बलि अत्थमियइ दिणयरिन धरहिं घरकज्जइं पुण जिणहरि न करहिं ( 299