________________ // 195 // // 196 // // 197 // // 198 // // 199 // // 200 // निग्गयजीहा पगलंतलोयणा दीहरच्छियग्गीवा / वाहिज्जंता महिसा पेच्छसु दीणं पलोयंति विहियपमाया केवलसुहेसिणो लुत्तपरधणा विगुणा / वाहिज्जते महिसत्तणम्मि जह खुड्डओ विवसो काउं कुडुंबकज्जे समुद्दवणिओ व्व विविहपावाई। मारेउं महिसत्ते भुंजइ तेण वि कुटुंबेण उयरे उंटकरकं पट्ठीए भरो गलम्मि कूवो य / उड्ढं मुंचइ पोक्करइ तहा वि वाहिज्जए करहो नासाए समं उटुं बंधेउं सेल्लियं च खिविऊण / लज्जूए अ खिविज्जइ करहो विरसं रसंतो वि गिम्हम्मि मरुत्थलवालुयासु जलणोसिणासु खिज्जंतो। गरुयं पि हु वहइ भरं करहो नियकम्मदोसेण जिणमयमसद्दहंता दंभपरा परधणेक्कलुद्धमणा। . अंगारसुरिपमुहा लहंति करहत्तणं बहुसो . जीवंतस्स वि उक्कत्तिउं छवि छिदिऊण मंसाई / खद्धाइं जं अणज्जेहिं पसुभवे किं न तं सरसि? गलयं छेत्तूण कत्तियाइ उल्लंबिऊण पाणेहिं / घेत्तुं तुह चम्ममंसं अणंतसो विक्कियं तत्थ . दिनो बलीए तह देवयाण विरसाइं बुब्बुयंतो वि। पाहुणणिसिभोयणेसु य कओ सि तो पोसिउं बहुसो धम्मच्छलेण केहिं वि अन्नाणंधेहि मंसगिद्धेहिं / निहओ निरुद्धसद्दो गलयं वलिऊण जनेसु ऊरणयछगलगाई निराउहा नाहवज्जिया दीणा / भुंजंति निग्घिणेहिं दिज्जति बलीसु य न वग्घा . 105 // 201 // // 202 // // 203 // // 204 // // 205 // // 206 //