________________ जे अन्नधम्मलग्गा, का जिणवयणे वियारणा तेसिं / अंतेउरस्स सारा, किं जाणइ पोलिपाहरिओ // 24 // अन्नत्थ भमइ मूढो, कज्जं अन्नत्थ कत्थइ असेसं / अन्नत्थ सालओ जह, खित्तं अन्नत्थ अइदूरं // 25 // अन्नह (हि) भमइ सुहत्थी, साहीणे वि हु विवेयवरसुक्खे / दिप्पंतदीवहत्थो, मूढो अग्गिं गवेसेइ // 26 // अवराहकारि अन्ने, भिडंति अविवेयलोय अन्नेसि / * सूयरेहिं वल्ल भक्खिय, पिट्टिज्जइ पड्डगाण मुहं // 27 // दिति उवाझ्यमेगे, जीवियकज्जम्मि मच्चुणो अन्ने / गुरुमोहमूढचित्ता, समरससित्ता न एगस्स // 28 // धम्मियजणाण चित्तं, पासत्थाइकसायअग्गीए / उत्तवियं पि कणगं व, किं चयइ वनपरिणाम // 29 // जइ वि हु दुहत्तचित्तो, उत्तमसत्तो तहा वि जिणभत्तो / भग्गो वि कणयकलसो, न हु सरिसो इयरकलसाण // 30 // जइ वि न चरित्तसज्जो, सुविसुद्धपरूवगो सुकयकज्जो / दहणो मलिणंगो वि हु, होइ पईवो जणे पुज्जो // 31 // इक्को विवेयदीवो, सुविसुद्धं जिणपहं पयासेइ / तम्हा पण्णावियव्वो, सो चेव सया वि सरियव्वो // 32 // // कर्मविपाककुलकम् // तियलुकिक्कमल्लस्स महावीरस्स दारुणा / उवसग्गा कहं हुंता, न हुँतं जइ कम्मयं ? वीरस्सं मिढियग्गामे केवलिस्सा वि दारुणो / अईसारो कहं हुतो, न हुंतं जइ कम्मयं ? // 1 //