________________ चिंतामणी चित्तविचिंतिआणं, महोसहं सव्वदुद्दामयाणं / आणाणुसारेण सरेज्जमाणो, किं नाम कल्लाणमिमो न कुज्जा? // 3 // एअस्स लोगप्पहुणा पणीओ, जोग्गो जुओ जो गुणसंपयाए / एसा अंखुद्दत्त 1 पसन्नरूव 2, सहावसोमत्त 3 जणप्पिअत्तं 4 // 4 // अकूरभावो 5 तह भीरुअत्ताऽ, 6, सठत्त 7 दक्खिण 8 सलज्जभावो९ दयालु 10 मज्झत्थपसन्नदिट्ठि 11, गुणाणुरागित्त 12 मुदाहरंति 5 सुइक्कहा 13 सुंदरपक्खगाहो 14 सुदीहदंसित्त 15 विसेसनाणं 16 बुड्ढाणुगामित्त 17 विणीअभाव 18 कयन्नु सत्ताई 19 परोवयारो 20 सुलद्धलक्खत्तण 21 मेगवीसमिमे गुणा तेहिं विभूसिओ जो। सो चेव संसुद्धजिणिदधम्म-चिंतामणीपावणपच्चलो त्ति // 7 // संपुण्णपुण्णो कुसलत्तणाइ-गुणोववेओ अ जणो जहेत्थ / जोगो पहाणाण मणीण जाण, तहेव एअस्सं वि एस भव्वो // 8 // अखुद्दचित्तत्तणओ हवेज्ज, तओ तुमं धीरगहीरभावो।। अणुस्सुओ इट्ठसमागमेसु कहिचि णिढेसु. अदुम्मणो अ // 9 // पाएण बझे वि गुणा हवंति, रूवे पसण्णे महुरे नराणं / अब्भंतरे किं पुण सीलरूवे, जएज्ज तो संठवणम्मि तस्स // 10 // सोमो जहा सोमसुदंसणिज्जो, सहावसोमत्तणओ गुणाओ। तहा तुमं चे?णभासणेसु होज्जा महाणंदकरो जणाणं // 11 // जणप्पिओ सुंदरत्तेण तेण, अप्पा उवाएण जहोचिएण। कज्जो जओ धम्मगुणाणुरागं, जणा कयाणंदमणा कुणंति // 12 // ‘सव्वस्स कल्लाणविचिंतगाणं, समंतओ भद्दपरंपराओ। भवंति कूरत्तणमप्पमत्तो, चएज्ज तं सत्तुजणम्मि वित्तिं // 13 // जहा मसाणिधणमद्धदड्ढं, तहा जणो सीलकलंकिओ जो। कलंकपकाउ कुलाइहीला-निबंधणाओ भव भीरुभावो / // 14 // 19