________________ जीए फासुयओसहदाणेणं वद्धमाणपत्तम्मि। बद्धं तित्थयरतं सा रेवई जयउ कयकिच्चा // 26 // पउमावई पभावई जिणमयवासियसरोमसव्वंगा। धन्ना अंजणसुंदरि, विरहम्मि वि धम्म-नियमरया .. // 27 // सीलेण कलावईइ, वरबाहुलया पुणन्नवा जाया। ... अच्छरियभूयचरिया, जयम्मि आरामसोहा वि // 28 // रिसिदत्ता य सुनंदा मणोरमां रोहिणी य देवइ य। अन्ना वि वंदणिज्जा महासई पवयणपसिद्धा // 29 // जे सुमरंति तिसंझं, महासईणं पवित्तचरियाई.। ते सव्वदुहविमुक्का, सासयसुहभायणं हुंति // 30 // // सामान्यगुणोपदेशकुलकम् // निदारियविसमसरं वीरं वंदित्तु दित्तरुइपसरं / दिनजियदिक्खसिक्खं भणामि सामन्नगुणसिक्खं // 1 // ववहारसुद्धी जणणिदणिज्जवावारचागणिप्फन्ना (व्यापारत्यागनिष्पन्ना) कालुस्सिवियलसद्धम्मकम्मपरिपालणसरूवा संखाणं धवलपहा गभीरया वि व महासमुद्दाणं / / चंदाण सिसिरजोण्ह व्व णयणसोह व्व हरिणीणं . // 3 // उच्छूण महुरया विव धम्मियकुलयाण धम्मसब्भावो / जइ वि हु सिद्धो तेसिं तह वि एवं समवसेया णाणवयवुड्डसेवा सत्थब्भासो परोवयारित्तं / सच्चरियजणपसंसा दक्खिन्नपरायणत्तं च उत्तमगुणाणुरागो अणुस्सुगत्तं अखुद्दभावो य। . * परलोयभीरुयत्तं सव्वत्थ अणत्थपरिहारो // 4 // 17