________________ // 20 // // 21 // // 22 // वंदामि महासत्तं गयसुकुमालं अवंतिसुकुमालं / वंदे इलाइपुत्तं चिलाइपुत्तं च खंतिखमं बाहुबलिभरहसामि सणंकुमारं च ढंढणकुमारं। अज्जसुनक्खत्तरिसिं वंदे सव्वाणुभूइमिणं सिरिगोयमेण जेसि पन्नरससयाण तावसाण सया। दिक्खियमित्ताण वि केवलाणि जायाणि तासि नमो पणमामि पुंडरीयं तणमिव परिचत्तरज्जपब्भारं / थुणिमो दढप्पहारं दवदंतमहारिसिं वंदे संबं पज्जुन्नरिसिं बलदेवरिसिं च तवनिहिं वंदे / सागरचंदमुर्णिदं मेयजं कालियज्जगुरुं वंदे तेयलिपुत्तं तोसलिपुत्तं च अन्नियापुत्तं / अणगारं धम्मरुई कत्तियमुणिसत्तमं वंदे सित्तुंजयम्मि सिद्धा दविडनरिंदाण पंचकोडीओ.। नमिमो पंच सयाइं खंदगसीसाण सुमुणीणं . // 23 // // 24 // // 25 // // 26 // // मंगलकुलयं // पढमित्थ जिणवराणं उसभे सेअंसि मंगलं वुच्छं / मरुदेवि-बंभिसुंदरि-बाहुबली-भरह-मल्लि-रायमई // 1 // गोअमभाऊ जंबू खंदिकुमारे अवंतिसुकुमारे। तह सालिभद्दनामे सणंकुमारे अ वुच्छामि मिअवइ चंदणअज्जा य थूलभद्दे अ जक्खिणी अज्जा / वयरं च तहा चरिमं एआइं जहक्कम भणिमो // 3 // जं मंगलं तित्थयराण आसी, उसभे जिणे वीरह मज्झिमाणं (?) / सिद्धिं गयाणं परिनिव्वुआणं, तं मंगलं सो मम बोहिलाभो // 4 // // 2 // 5