________________ जिणसासणस्स सारो, चउदसपुव्वाण जो समुद्धारो / जस्स मणे नवकारो, संसारो तस्स किं कुणइ // 24 // मंताण मंतो पस्मो इमो त्ति, धेयाण धेयं परमो इमो त्ति / / तत्ताण तत्तं परमं पवित्तं, संसारिसत्ताण दुहाहयाणं // 25 // अणेगजम्मंतरसंचियाणं दुहाण सारीरिय-माणसाणं / कत्तो उ भव्वाण हवेज्ज नासो न जाव पत्तो नवकारमंतो // 26 // ___ पू. आ.श्री.जिनेश्वरसूरिविरचितम् ॥सर्वतीर्थमहर्षिकुलकम् // अट्ठावयम्मि उसभो सिद्धिगओ वासुपूज्ज चंपाए / पावाए वद्धमाणो अरिटुनेमी य उज्जते . // 1 // अवसेसा तित्थयरा जाईजरामरणबंधणविमुक्का / सम्मेयसेलसिहरे वीसं परिनिव्वुया वंदे . // 2 // चउसट्ठी तित्थयरा धाइयसंडे य निव्वुया वंदे / चउसट्ठी पुण वंदे पुक्खरवड्ढे य दीवे य // 3 // सोलस अवरविदेहेसु पुव्वविदेहम्मि सोलस य वंदे। पंचेव य पंचेव य भरहे.एरावए वंदे / // 4 // करि पंचंगपणामं भत्तिब्भरबहलरसियरोमंचं / सीमंधरजिणचंदं तत्थ ठियं इत्थ वंदामि घाइयघाइकम्म परमेसरु, पुव्वंविदेहठियओ तित्थेसरु / पणधणुसयतणु सिद्धिइ गामिय, तुह पणामु सीमंधर सामिय! // 6 // अवरविदेहविभूसणह, केवलनाण धरह / पहु पणमामु जुगंधरह, संजमसील धरह . // 7 // 3