________________ केइ पुणो सुणिऊणं एवं अवियारगा मिसिमिसंत / जंपति अहो निंदा एस कया सव्वधम्माणं // 15 // जइ हुयवहुं त्ति वुत्तो अइउण्हो ताव णो सधूमु त्ति / भणिओ डहणसहावो का निंदा ? सग्गुणा एए // 16 // जइ कंटकाउलपहो कहिओ दुगमुत्ति ताव णो सूरो। ता सब्भूयं पुण पहे निंदा नामेण का इत्थ ? // 17 // सप्पो कसिणो कुडिलो कूरो विसपुंजओ डसेऊण / मारेइ परिहरेज्जह दूरेणं इत्थ का निंदा ? // 18 // कूरो सीहो वग्यो मज्जारो नाहरो अणप्पणओ / पीई एएहिं समं न कीरए निन्द का इत्थ ? // 19 // एसो हि अंधकूवो अणुत्तरो इह पडिज्जए जइ ता / जीवस्स हवइ हाणी वइज्ज किं कावि निंद त्ति // 20 // इत्थ अणज्जा मिच्छा वसंति पल्लीइ निग्घिणा रुद्दा / नासेयव्वं दूरेण इत्थ किं काविं निंद त्ति . // 21 // हालाहलं पि घोरं अविगिच्छं दारुणं विसं विसमं / मारेइ फरिसियं पि हु चइज्ज किं कावि निंद त्ति // 22 // एसो रागी देवो इंदियविसएहि विनडिओ कामी / पावफलं नमिएण वि वइज्ज नय निंदियं तस्स // 23 // एसो दोसी देवो आउहनियरेण मारइ अभत्ते / किं नमिओ वा होइ व दिज्ज फलं इत्थ का निंदा ? // 24 // एसो मूढो जवमालियाकरो गणइ जह य पसुपालो। पसुलिडियाहि गन्नं गणेइ कह सिवफलं दिज्जा ? // 25 // बहुकालिओ अणाई संसारो मिच्छदंसणं एयं / जेहिं न वंतं अइरा बहुकालं ते भमीहिति // 26 // 142