________________ धत्तूरभामिओ इव ठगधुत्तेणं व धुत्तिओ संतो। भूएण व संगठिओ वाएण व दिट्ठिमोहेणं . .. // 27 // जह एए अवरेहिं जुत्तिसहस्सेण पन्नविज्जंता / ताणं विय गहिलत्तं अवियप्पं वाहरंति सया // 28 // तह रागाइवसत्तो न मुणसि थेवं पि कज्जपरमत्थं / / अह मुणसि तो पयंपह चरिएणं कह विसंवयसि ? // 29 // दुग्गंधअसुइपुनो बाहिं सव्वत्थ चित्तिओ करगो (कलसो) / पटुंसुयनत्त (ढंक) णयं दाउं पिहिओ य-पुप्फेहि // 30 // दिट्ठो हरेइ चित्तं गंधो असुईऍ सरइ तं चेव। मूढो वि तं न गहिउं कुणइ मणं किं पुण विवेगी? // 31 // एवं चिय नारीसुं वत्थालंकारभूसिंयंगीसु / आवायमेत्तरूवं पेच्छिय तत्तं विभावेसु ' // 32 // असुईए अट्ठीणं सोणियकिमिजालपूईमंसाणं / / नाम पि चिंतियं खलु कलमलयं कुणइ हिययम्मि // 33 // पच्चक्खमिणं पेच्छह वन्नियमित्तं तु जइ न पत्तियह / एक्कारससोएहिं नीहरमाणं सया चेव // 34 // इय तत्तभावणगओ सया वि मणनिग्गहं करेमाणो। पच्चक्खरक्खसीणं नारीणं न गोयरो होसि // 35 // जिणवयणभाविएणं सुत्तत्थसमग्गपारगेणं पि / भवभमणभीरुगेणं सुहसंसग्गिं पवनेणं // 36 // अवगयपरमत्थेणं निच्चं सुहझाणझायगेण मए / कह वि गयं चिय अपहे मणमेयं ही कहं दिटुं? // 37 // जह लद्धलक्खचोरो हरमाणो नेव नज्जए दविणं।। तह विगयं चिय दीसइ मणं पि एयं कहं होमि? . // 38 // 108