________________ // 33 // // 34 // // 35 // // 36 // // 37 // // 38 // जं केवली वि चइडं असमत्थो णत्थि तस्स विरई वि। केवलणाणाविसओ कह विसओ सेसणाणस्स? एएण कायजोगा चपलाओ केवलिस्स चवलत्तं / तेणेव जीवहणणं एअं वयणं पि दुव्वयणं चपलत्तं पुण कम्मणशरीरजोगा पुढो हु पइसमयं / अइसुहुमं जीववहे ण होइ हेउ त्ति जिणवयणा णणु सेलेसीपडिपनकायसंफासजीववावत्ती / ता कह सजोगिणो जिअविराहणा णेव संभवइ इअ वयणमणाभोगा जं कारगजिणपवित्तिपमुहाणं / सम्मविआरा बहिओ दंसिअदोसं ण याणेइ एगस्स वि जीववहे सव्वासववज्जणं ण संजायं।। तण्णयणुत्तरचरणो ण सिणाओ किंतु सो सबलो. सबलोवसंजमेहिं असंजमाओ अ चित्तरूवाओ। पइकेवलिणं भिण्णाओ किंणिमित्ताओ वत्तव्वा परिसेसा मोहुदयो सो तिव्वो जमणुवरयपरिणामो / केवलणाणुवलंभाओ जोगवं केवली जाव केवलिणो जीववहे अणुकंपा लेसओ वि णो होइ / कारण 1 सरूव 2 कज्जाइ.३ जाणमाणो वि पडिसेवी छउमत्थे जिणदोसा तहभूआ संजमोवघायकरा / ते चेव अणाभोगा विहला णन्नो तइअभंगो एवं सम्मविआरे केवलिउवमा ण संजयजणस्स / जं जाणिअ जीववहे असंजओ होइ उवमेओ एएणं केवलिणो अवज्जहेउ ण जीववहमाई। रागद्दोसाभावा इअ वयणं दूरमुक्खित्तं // 39 // // 40 // // 41 // // 42 // // 43 // // 44 //