________________ निप्पच्चवायचरणा कज्जं साहंतिति जे उ.मुत्तिकरं / मण्णंति कयं तं यं कयंतसिद्धं उ सपरहिअं. // 117 // पडिसोएण जे पवट्टा चत्ता अणुसोअगामिणीवट्टा / जणा जत्ताए मुक्का मयमच्छरमोहओ चुक्का // 118 // सुद्धं सिद्धंतकहं कहंति बीहंति नो परेहितो। . वयणं वयंति जत्तो निव्वुइ वयणे धुवं होइ // 119 // . तव्विवरीआ अवरे जइवेसधरा वि हुंति न हु पुज्जा। तइंसणमवि मिच्छत्तमणुक्खणं जणइ जीवाणं // 120 // धम्मत्थीणं जेण विवेयरयणं विसेसओ ठवि। .... चित्तउडे चित्तउडे ठिआणं जं जणइ निव्वाणं // 121 // असहारणावि विहि य साहिओ जो न सेससूरीणं / लोअणपहे वि वच्चइ वुच्चइ पुण जिणमयण्णूहि // 122 // घणजणपवाहसरिआणुसोअपरिवत्तसंकटे पडिओ / पडिसोएणाणीओ धवलेण व सुद्धधम्मभरो // 123 // कयबहुविज्जुज्जोओ विसुद्धलद्धोदओ सुमेघु व्व। सुगुरुच्छाइयदोसायरप्पहो प्पहयसंतावो // 124 // सव्वत्थ वि वित्थरिअ वुट्ठो कयसस्ससंपओ सम्म / नेव वायहओ न चलो न गज्जिओ यो जए पयडो // 125 // कहमुवमिज्जइ जलही तेण समं जो जडाणं कयवुड्डी / तिहसेहिं पि परेहिं मुअइ सिरिं पि हु महिज्जंतो // 126 // सूरेण व जेण समुग्गयेण संहरियमोहतिमिरेण / सद्दिट्ठीणं सम्मं पयडो निव्वुइपहो हूओ // 127 // वित्थरियममलपत्तं कमलं बहुकुमयकोसिया दुसिया / तेयस्सीणमवि तेओ विगओ विलयं गया दोसा / // 128 // 294