________________ मग्गुमग्गा नजंति नेय विरलो जणो त्थि मग्गण्णू / थोवा तदुत्तमग्गे लग्गति न वीससंति घणा अन्ने अण्णत्थीहि सम्मं सिवपहमपिच्छरेहि पि / सत्था सिवत्थिणो चालिया वि पडिपडिया भवारण्णे // 94 // परमत्थसत्थरहिएसु भव्वसत्थेसु मोहनिद्दाए। . सुत्तेसु मुसिज्जतेसु पोढपासत्थचोरेहि // 95 // असमंजसमेआरिसमवलोइअ जेण जायकरुणेण / एसा जिणाणमाणा सुमरिया सायरं तइआ // 96 // सुहसीलतेणगहिए भवपल्लितेण जगडिअमेणाहे। .. .. जो कुणइ कूजियत्तं सो वण्णं कुणई संघस्स // 97 // तित्थयररायाणो आयरि आरक्खिअ व्व तेहिं कया / पासत्थपमुहचोरोवरुद्धघणभव्वसत्थाणं // 98 // सिद्धिपुरपत्थियाणं रक्खट्ठायरिअवयणओ सेसा / अहिसेअवायणाचारियसाहुणो रक्खगा तेसिं .. // 99 // ता तित्थयराणाए मये वि मे हुँति रक्खणिज्जाओ। इय मुणिय वीरवित्तं पडिवज्जिय सुगुरुसंनाहं // 100 // करिय खमाफलिअं धरिअमक्खयं कयदुरुत्तसररक्खं / तिहुअणसिद्धं तं जं सिद्धंतमसिं समुक्खविय ... // 101 // निव्वाणवाणमणहं सगुणं सद्धम्ममविसमं विहिणा / परलोगसाहगं मुक्खकारगं धरियं विप्फुरियं // 102 // जेण तओ पासत्थाइ तेणसेणा वि हक्किया सम्मं / . सत्थेहिं महत्थेहिं विआरिऊणं च परिचत्ता // 103 / / आसन्नसिद्धिया भव्वसत्थिया सिवपहम्मि संठाविया / निव्वुइमुवंति जह ते पडंति न भीमभवारण्णे - // 104 // 22