________________ तिजगय गयजीवबंधूणं यब्बंधु बुद्धिसागरसूरि / कयवायरणो वि न जो विवायरणकायरो जाओ . // 69 // सुगुणणजणियभद्दो सूरि जस्स विणेयगणप्पढमो। सपरेसिं हिया सुरसुंदरीकहा जेण परिकहिया // 70 // कुमयं वियासमाणो विहडावियकुमयचक्कवायगणो / उदयमिओ जस्सीओ जयम्मि चंदु व्व जिणचंदो . // 71 // संवेगरंगसाला विसालसालोवमा कया जेण / / रागाइवेरिभयभीयभव्वजणरक्खणनिमित्तं // 72 // कहसिवसुहत्थिसेवो भयदेवो वगयसमयपयक्खेवो। ... जस्सीसो विहियनवंगवित्ति जलधोयजललेवा // 73 // जेण नवंगविवरणं विहियं विहिणा समं सिवसिरीए / काउं नवंगविचरणं विहियमुज्झिय भवेजुवइसंजोगं // 74 // जेहिं बहुसीसेहिं शिवपुरपहपत्थियाणं भव्वाणं / सरलो सरणी समगं कहिओ ते जेण जत्ति तयं . // 75 // गुणकणमवि परिकहिउं न सक्कई सक्कई वि जेसिं फुडं। तेसिं जिणेसरसूरीणं चरणसरणं पवज्जामि युगपवरागमजिणचंदसूरि विहिकहियसूरिमंतपयो / सूरी असोगचंदो मह मण कुमुयं विकासेउ // 77 // कहियगुरुधम्मदेवो धम्मदेवो गुरुउवज्झाओ अ / मज्झवि तेसिं य दुरंतदुहहरो सो लहु होउ तस्स विणेओ निद्दलिअगुरुगओ जो हरि व्व हरिसीहो / .. मज्झ गुरु गणिपवरो सो मह मणवंच्छियं कुणउ // 79 // तेसिं जिट्ठो भाया भायाणं कारणं सुसीसाणं / गणिसव्वदेवनामो न नामिओ केणइ हटेण // 80 // 20 // 76 // // 78 //