________________ सव्वेसु वि एएसुं, थोवं थोवं तु जो विराहेइ / सो होइ अहासुहुमो, एसो अण्णो वि आएसो . // 11 // इय दुविहो उ पुलाओ, भणिओ लद्धीइ तह य सेवाए। अण्णे लद्धिपुलायं, भिण्णं णेच्छंति नाणाओ - // 12 // सो बउसो चारित्तं, बउसं अइआरपंकओ जस्स। उवगरणसरीरेसुं, सो दुविहो होइ णायव्वो // 13 // मुत्तुं पुट्ठालंबं, वत्थाई अपाउसे वि जो धुवइ / अवि उज्जलाइँ इच्छइ, सण्हाइँ विभूसहेउं च . // 14 // पत्ताइ घट्ठ मटुं, करेइ तेल्लाइणा य कयते। भुंजइ अ विभूसाए, बहुं च पत्थेइ उवगरणं // 15 // सो बउसो उवगरणे, उवगरणविभूसणाणुवत्तणओ। देहबउसो अकज्जे, करचरणणहाइ भूसेइ // 16 // दुविहो वि इमो इड्डेि, इच्छइ परिवारसंगहाइकयं / पंडिच्चतवाइकयं, जसं च पत्थेइ लोगाओ // 17 // तुस्सइ नियगुणसवणा, सुहसीलो णऽप्पणो दलइ कटुं। उज्जमइ णेव बाढं, विहियाहोरत्तकिरियासु // 18 // अविवित्तो परिवारो, संजमहीणो वि होइ एयस्स। कक्काइघट्ठजंघो, मट्ठो तह क़त्तरियकेसो // 19 // तह देससव्वछेआरिहेहि सबलेहिं संजुओ एसो। दुक्खक्खयट्ठमब्भुट्ठिओ अ सुत्तम्मि जं भणियं // 20 // उवगरणदेहचुक्खा, रिद्धीजसगारवासिया णिच्चं / बहुसबलछेयजुत्ता, णिग्गंथा बाउसा भणिया // 21 // उत्तरगुणसेवा वि हु, नणु णिच्चं चरणघाइणी भणिया / कम्मक्खयट्ठमब्भुट्ठिअस्स सा जुज्जए कह णु / // 22 // 14