________________ इंदेणं परिभुत्ता रुटेणं गोयमेण इंदस्स / काऊण भगसहस्सं व(च?)ट्टाण समप्पिओ ताहे // 394 // दढकढिणसरीराणं मयणाणलजालसंपलित्ताणं / बडुआण समासाओ सक्को विद्धंसणं पत्तो . // 395 // देवेहिं गोअमाओ कह वि पयत्तेण मोइओ इंदो। जं तस्स भगसहस्सं अच्छिसहस्सं तयं जायं // 396 // कुंतीए इंदेण वि पुत्तो पत्थु त्ति लोअविक्खाओ। जाओ एवं जइ सुओ तुज्झ वि इंदेण को दोसो // 397 // अह भणइ खंडवाणा तुब्भे जाणह कुलं च गुत्तं च / / मज्झं मायावित्तं ?, भणिया तो मूलदेवेणं // 398 // पाडलिपुत्ते णयरे तं सि सुआ णागसम्मविप्पस्स / सोमसिरीए धूआ गोअमगुत्तम्मि विक्खाया // 399 // सा भणइ ण वि अहं सा तुम्हे सारिक्खविम्हिआ मज्झं / सिप्पिअधूआ अहयं राउलरमयस्स विक्खाया // 400 // बहुधणधन्नसमिद्धं अम्ह घरं रायरिद्धिसमसरिसं / णामेण दड्डिआ हं णीआ गोएहिं कम्मेहिं // 401 // दंड भडभोइआणं रण्णो अंतेउरस्स सव्वस्स / सिप्पिअसहस्समहिअं जं धोवइ मज्झ वत्थाई // 402 // वत्थाण महासयडं भरित्तु अह बहुविहप्पगाराणं / पुरिससहस्सेण समं पत्तासि णइं.सलिलपुण्णं // 403 // छडछडछडस्स तहिअं हुं हुं सिंटारवं करितेहिं / अण्णुण्णमइसयंतेहिं तेहिं कुंदिदुधवलाई // 404 // धोआई वत्थाई मज्झं पुरिसेहिं चुक्खभूआई / तो आयवदित्ताइं उव्वाइआइँ मुहुत्तेणं // 405 // 299