________________ मंदोअरिदइयभडुक्कडेहिं णेगाई वाणरसयाई / असिपरसु अद्धचंदप्पहारच्छिण्णंगमंगाई .. // 216 // सत्तीपहरणिरुद्धे महीअलि पडिअम्मि लक्खणकुमारे / . रामे सोगाभिहए विलवंते पवणतणएण . // 217 // गंतुं दोणगिरीओ उवणीआ ओसही जलंतीओ। . निस्सल्ल त्ति पभावा झडि त्ति सत्ती वि णिस्सरिया // 218 // जे णिसिअरकुद्धग्घाएहि समरम्मि अभिहया पवया / संछिण्णभिण्णगत्ता ते वि अ सव्वे,समासत्था // 219 // विवइण्णसरीरा वि अ जइ सव्वे वानरा समुज्जीआ / . खंडसहस्सो कओ एलसाढ ! तो जीवसि तुमं पि // 220 // अण्णं च जणपगासा णिहिआ सुअपुत्थएसु बहुएसु / . किं वा तुम्हेहि इमा ण सुआ महसेणउप्पत्ती // 221 // हिमसेलगुहगयाइं दो वि महामेहुणं णिसेवंति / दिव्वं वाससहस्सं गिरिसुअ ससिभूसणो चेव // 222 // तं सोऊण पउत्तिं देवा किर तिहुअणम्मि आदण्णा / सव्वायरेण मिलिउं गब्भुवघायं विचितंति // 223 // सुइरं सामत्थेउं तिहुअणउज्जोअकारओ जलणो / महुरक्खरवयणपयंपिएहिं भणिओ सुरगणेहिं . // 224 // इक्कस्स वि ता कीरइ कज्जं अब्भत्थिएहिं जिअलोए / किं पुण महाणुभावो जं जंपइ सुरसमूहु त्ति // 225 // जस्स य कएण सव्वे देवा चिंतोवहिं समोइण्णा / / तस्स य जत्तेण तुमं हुअवह ! इक्को समत्थोऽसि // 226 // पविसित्तु गुहाविवरे हरपुरओ अप्पयं पयंसेसु / . तो तुह कयाइ विलिओ मेहुणतत्तिं विसज्जिज्जा // 227 // 284