________________ // विंशतिर्विशिकाः // // 1 // अधिकारविंशिका // नमिऊण वीयरार्य सव्वन्नु तियसनाहकयपूयं / जहनायवत्थुवाइं सिद्धं सिद्धालयं वीरं. // 1 // वुच्छं केइ पयत्थे लोगिगलोगुत्तरे समासेण / लोगागमाणुसारा मंदमइविबोहणट्ठाए // 2 // सुंदरमिइ अन्नेहि वि भणियं च कयं च किंचि वत्थु ति / अन्नेहि वि भणियव्वं कायव्वं चेति मग्गोऽयं इहरा उ कुसलभणिईण चिट्ठियाणं च इत्थ वुच्छेओ। एवं खलु धम्मोऽवि हु सव्वेण कओ ण कायव्वो // 4 // अन्ने आसायणाओ महाणुभावाण पुरिससीहाण / तम्हा सत्तऽणुरूवं पुरिसेण हिए पइयव्वं // 5 // तेसिं बहुमाणाओ ससत्तिओ कुसलसेवणाओ य / जुत्तमिणं आसेवियगुरुकुलपरिदी?समयाणं जत्तो उद्धारो खलु अहिगाराणं सुयाओ ण उ तस्स / इय वुच्छेओ तद्देसदसणा कोउगपवित्ती इक्को उण इह दोसो जं जायइ खलजणस्स पीड ति / तहवि पयट्टो इत्थं दर्छ सुयणाण मइतोसं // 8 // तत्तो वि य जं कुसलं तत्तो तेसि प्नि होहिइ ण पीडा / सुद्धासया पवित्ती सत्थे निद्दोसिया भणिया // 9 // इहरा छउमत्थेणं पढमं न कयाइ कुसलमग्गम्मि / इत्थं पयट्टियव्वं सम्मं ति कयं पसंगेण // 10 // अहिगारसूयणा खलु 1 लोगाणादित्तमेव बोद्धव्वं 2 / / कुलनीइलोगधम्मा 3 सुद्धोऽवि य चरमपरियट्टो 4 // 11 // // 6 // و