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________________ पच्छा य सोऽणुओगी पवयणकज्जम्मि निच्चमुज्जुत्तो। जोगाणं वक्खाणं करिज्ज सिद्धंतविहिणा उ // 972 // . मज्झत्था बुद्धिजुआ धम्मत्थी ओघओ इमे जोगा। तह चेव पयत्थाई (य पत्ताई) सुत्तविसेसं समासज्ज // 973 // मज्झत्थाऽसग्गाहं एत्तो च्चिअ कत्थई न कुव्वंति / सुद्धासया य पायं होंति तहाऽऽसन्नभव्वा य // 974 // बुद्धिजुआ गुणदोसे सुहुमे तह बायरे य सव्वत्थ / सम्मत्तकोडिसुद्धे तत्तट्ठिइए पवज्जंति , // 975 // धम्मत्थी दिट्ठत्थे हढो व्व पंकम्मि अपडिबंधाउ। उत्तारिजंति सुहं धन्ना अन्नाणसलिलाओ // 976 // पत्तो अ कप्पिओ इह सो पुण आवस्सगाइसुत्तस्स। जा सूअगडं ता जं जेणाधीअं ति तस्सेव ' // 977 // छेअसुआईएसु अ ससमयभावे वि भावजुत्तो जो। पिअधम्मऽवज्जभीरू सो पुण परिणामगो णेओ . // 978 // सो उस्सग्गाईणं विसयविभागं जहट्ठिअंचेव। . परिणामेइ हिअं ता तस्स इमं होइ वक्खाणं // 979 // अइपरिणामगऽपरिणामगाण पुण चित्तकम्मदोसेणं / अहियं चिअ विण्णेयं दोसुदए ओसहसमाणं // 980 // तेसि तओ चिय जायइ जओ अणत्थो तओ ण तं मइमं / तेसिं चेव हियट्ठा करिज्ज पुज्जा तहा चाहु // 981 // आमे घडे निहत्तं जहा जलं तं घडं विणासेइ। इअ सिद्धंतरहस्स अप्पाहारं विणासेइ / / 982 // न परंपरया वि तओ मिच्छाभिनिवेसभाविअमईओ। अन्नेसि पि अ जायइ पुरिसत्थो सुद्धरूवो अ // 983 / / 82
SR No.004452
Book TitleShastra Sandesh Mala Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinayrakshitvijay
PublisherShastra Sandesh Mala
Publication Year2005
Total Pages310
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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