________________ थीवज्जिअं विआणह इत्थीणं जत्थ ठाणरूवाई। सद्दा य ण सुव्वंती ता वि अ तेसिं न पिच्छंति // 720 // ठाणं चिटुंति जहिं मिहोकहाईहिं नवरमित्थीओ। ठाणे निअमा रूवं सिअ सद्दो जेण तो वज्जं // 721 // बंभवयस्स अगुत्ती लज्जाणासो अपीइवुड्डी अ / साहु तवो वणवासो निवारणं तित्थपरिहाणी // 722 // चंकमिअंठिअमुट्ठिअं च विप्पेक्खिअं च सविलासं / सिंगारे अ बहुविहे दट्टुं भुत्तेअरे दोसा // 723 // जल्लमलपंकिआण वि लावनसिरी उ जह सि देहाणं / सामन्ने वि सुरूवा सयगुणिआ आसि गिहवासे // 724 // गीयाणि अ. पढिआणि अ हसिआणि य मंजुला य उल्लावा / भूसणसद्दे राहस्सिए अ सोऊण जे दोसा // 725 // गंभीरमहुरफुडविसयगाहगा सुस्सरो सरो जेसिं। सज्झायस्स मणहरो गीअस्स णु केरिसो होइ ? / / 726 // एवं परोप्परं मोहणिज्जदुविजयकम्मदोसेणं / होइ दढं पडिबंधो तम्हा तं वज्जए ठाणं // 727 // पसुपंडगेसु वि इहं मोहाणलदीविआण जं होइ / पायमसुहा पवित्ती पुव्र्वभवऽब्भासओ तह य / // 728 // तम्हा जहुत्तदोसेहिं वज्जिअं निम्ममो निरासंसो। वसहिं सेविज्ज जई विवज्जए आणमाईणि // 729 // वज्जिज्ज य संसग्गं पासत्थाईहिं पावमित्तेहिं / कुज्जा य अप्पमत्तो सुद्धचरित्तेहिं धीरेहि // 730 // जो जारिसेण मित्ति करेइ अचिरेण तारिसो होइ / कुसुमेहिं सह वसंता तिला वि तग्गंधिया हुंति // 731 // 59