________________ // 312 // // 313 // // 314 // // 315 // // 316 // // 317 // एवं पडुपण्णे पविसओ उ तिन्नि उ निसीहिया होति / अग्गद्दारे मज्झे पवेसणे पायऽसागरिए हत्थुस्सेहो सीसय्पणामणं वाइओ नमुक्कारो / गुरुभायणे पणामो वायाएँ नमो ण उस्सेहो उवरि हिट्ठा य पमज्जिऊण लट्ठि ठवंति सट्ठाणे / पढें उवहिस्सुवरि भायण वत्थाणि भाणेसुं जइ पुण पासवणं से हविज्ज तो उग्गहं सपच्छागं / दाउं अन्नस्स सचोलपट्टगो काइअं निसिरे वोसिरिअ काइअं वा आगंतूण य तओ असंभंतो। पच्छा य जोगदेसं पमज्जिउं सुत्तविहिणा उ इरिअं पडिक्कमेइ इच्छामिच्चाइ कड्डई सुत्तं / . अइआरसोहणट्ठा कायनिरोहं दढं कुणइ चउरंगुलमप्पत्तं जाणूहिट्ठाऽछिवोवरि नाभिं / . उभओ कोप्परधरिअं करिज्ज (त्थ) पट्टं च पडलं वा पुव्वुद्दिढे ठाणे ठाउं चउरंगुलंतरं काउं। मुहपोत्ति उज्जुहत्थे वामम्मि अ पायपुंछणयं काउस्सग्गम्मि ठिओ चिंते समुदाणिए अईयारे। जा निग्गमप्पवेसो तत्थ उ दोसे मणे कुज्जा ते उ पडिसेवणाए अणुलोमा होंति विअडणाए अ। पडिसेवविअडणाए इत्थं चउरो भवे भंगा / ते चेव तत्थ नवरं पायच्छित्तं ति आह समयण्णू / जम्हा सइ सुहजोगो कम्मक्खयकारणं भणिओ सुहजोगो अ अयं जं चरणाराहणनिमित्तमणुअंपि।। मा होज्ज किंचि खलिअं पेहेइ तओवउत्तो वि // 318 / / // 319 // // 320 // // 321 // // 322 // // 323 // 27