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________________ वत्थे अप्पाणम्मि अ चउह अणच्चाविअं अवलिअंच। अणुबंधि निरंतरया तिरिउड्डऽहघट्टणा मुसली // 240 // तिरि उड्ड अहे मुस्ली घट्टण कुड्डे अ माल भूमीए / एअंतु मोसलीए फुडमेवं लक्खणं भणिअं // 241 // छप्पुरिमा तिरिअकए नव खोडा तिन्नि तिन्नि अंतरिआ। ते उण विआणियव्वा हत्थम्मि पमज्जणतिएणं // 242 // तइअं पमज्जणमिणं तव्वण्णऽद्दिस्ससत्तरक्खट्ठा / तक्खणपमज्जिआए तब्भूमीए अभोगाओ // 243 // विहिपाहण्णेणेवं भणिअं (उ) पडिलेहणं अओ उड्डे / एअं चेवाह गुरू पडिसेहपहाणओ नवरं // 244 // आरभडा सम्मघा वंज्जेयव्वा अठाणठवणा य।। पप्फोडणा चउत्थी विक्खित्ता वेइआ छट्ठी वितहकरणम्मि तुरिअं अण्णं अण्णं व गिण्ह आरभडा। अंतो उ होज्ज कोणा णिसिअण तत्थेव सम्मद्दा // 246 // गुरुउग्गहो (हा) अठाणं पप्फोडण रेणुगुंडिए चेव। विक्खित्ते तुक्खेवो वेइअपणगं च छद्दोसा // 247 // उड्डमहो एंगत्तो उभओ अंतो अ वेइआपणगं / जाणूणमुवरि हिट्ठा एगंतर दोण्ह बीअं तु . // 248 // पसिढिल पलंब लोला एगामोसा अणेगरूवधुणा।। कुणइ पमाणि पमायं संकिअगणणो पगं कुज्जा // 249 / / पसिढिलमघणं अणिरायगं व विसमगह लंब कोणे वा। भूमिकरलोलणया कड्डणगहणेक्कआमोसा // 250 // धूणणा तिण्ह परेणं बहूणि वा घेत्तु एगओ धुणइ। खोडणपमज्जणासुं संकिय गणणं करि पमाई // 251 // 21
SR No.004452
Book TitleShastra Sandesh Mala Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinayrakshitvijay
PublisherShastra Sandesh Mala
Publication Year2005
Total Pages310
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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