________________ भूमिगिहा य तरुगण तिविहं पुण थावरं मुणेयव्वं / चक्कारबद्धमाणुस्स दुविहं पुण होइ दुपयं तु // 1174 / / गावो महिसा ओट्टिय अय एलय आस आसतरगा य / घोडगगद्दहहत्थी चउप्पयं होइ पसुयाओ // 1175 // णाणाविहोवगरणं णेगविहं कुप्पलक्खणं होइ / एसो अत्थो भणिओ छव्विह चऊसट्ठ भेओ य // 1176 // खित्तं सेउ 1 केउ 2 उभयमयं 3 वत्थुतिविहमेवं तु / खाउ 1 च्छियं 2 च खाओच्छिय 3 मेयं तिविह मुणेयव्वं // 1177 / जह जह अप्पो लोहो जह जह अप्पो परिग्गहारंभो / तह तह सुहं पवड्डइ धम्मस्स य होइ संसिद्धी // 1178 // आरोग्गसारियं माणुस्सत्तणं सच्चसारिओ धम्मो / विज्जा निच्छयसारा सुहाई संतोससाराई // 1179 // तिरियं अहो य उठें दिसिवयसंखा अइक्कमे तिण्णि / दिसिवयदोसा सइ-विम्हरणं खित्तवुड्डी य . // 1180 // उवभोगो विगईओ तंबोलाहार पुप्फफलमाई / परिभोगे वत्थसुवण्ण-माईयं इत्थिगेहाई // 1181 // भोयणओ कम्माओ दुविहं उवभोगपरियभोगेहिं / वाणिज्जं सामण्णं विण्णेयं तिविहमईयारे . // 1182 // अप्पक्कं दुप्पक्कं सच्चित्तं तह सच्चित्तपडिबंद्धं / तुच्छोसहिभक्खणयं दोसा उवभोगपरिभोगे // 1183 // सइवेलं खलु भोगोऽसणपुप्फाईणमसइमुवभोगो / भोगुवभोगं दुविहा संकप्पारंभओ अहवा // 1184 // सइमसई कम्मगओ आयाणं सव्वहा परिच्चाओ। वाणिज्जं ववहारं सामण्णं सव्वसंगाओ // 1185 // 243