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________________ सिक्खावयम्मि जइ व य अइरित्ते धम्मकज्जमुट्ठविए / साहु व्व तत्थ इरियापरएहि तत्थ कायव्वं // 1067 // पडिमापडिवण्णाणं पुण तिकरणजोओ तसंगओ जम्हा / नो कहमियराणं पुण देसवयाणं न धम्मट्ठा // 1068 // कयकम्मादाणवओ जिणभूसणकरणकारणे निरओ। .. वणकम्मवओ वि जिणवरपूयणकुसुमाणि उवचिणइ // 1069 // एमाइ सव्वकरणे न दोसंपोसो वि कह वि सड्डाणं / नियगिदियत्थमाहण-संकप्पो जाव न,हु हुज्जा // 1070 // उक्किट्ठजहन्नमज्झिम-वयधणसत्तीहिं भत्तिनिम्माणे / पासायाइविहाणे आयवयं समतुलिज्जा य // 1071 / / गिहिकज्जे वि विगिचइ पच्चक्खाणं खु देसकालाइ / ... जाणगचउभंगम्मि सइअंतद्धाण वज्जिज्जा // 1072 // सइ एयम्मि गुणेहिं संजाए भावसावगत्तम्मि / तस्स पुण लक्खणाई एयाइं. भणंति गीयत्था // 1073 // कयधम्मो 1 तह सीलवं 2 गुणवं च 3 उज्जु ववहारी 4 / गुरुसुस्सूसो 5 पवयणकुसलो 6 खलु सावगो भावे // 1074 // भावगयाइं सतरस मुणिणो एयस्स बिंति लिंगाइं / ' जाणिय जिणमयसारा समयन्नूणो जओ आहु // 1075 / / इत्थिं 1 दिय 2 त्थ 3 संसार 4 विसय 5 आरंभ 6 गेह 7 दंसणओ 8 / गड्डरिगाई पवाहे 9 पुरस्सर आगम पवित्ती 10 // 1076 // दाणाइ जहा सत्ती पवत्तणं 11 विहिर 12 रत्तदुट्ठाई 13 / मज्झत्थ 14 मसंबद्धे 15 परत्थकामी अभोगी य 16 // 1077 / / वेसा इव गिहवासं पालइ 17 सत्तरसगुणनिबद्धं तु / भावगयभावसावगलक्खणमेयं समासेण // 1078 // 234
SR No.004452
Book TitleShastra Sandesh Mala Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinayrakshitvijay
PublisherShastra Sandesh Mala
Publication Year2005
Total Pages310
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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