________________ तिगरणतिजोगजुत्तं सव्वं तदियरं च देसओ भणियं / सावज्जं साणुवंधं सावज्जं निरणुबंधं च . . // 1043 // निरबंधमसावज्जं साणुबंधं तहा असावज्जं / चउभेयं जं किच्चं पच्चक्खाइ जहाजुग्गं // 1044 // जेहिं कम्मादाणप्पमुहा जणणिदणिज्जववहारा / .. पच्चरक्खाया नियगिहवावारा वज्जिया सययं // 1045 // तेहिं जइ सुद्धकट्ठाइदलेहिं पयदसगभत्तिमिच्छिज्जा / जम्हा न लोयखिसा हविज्ज सागारओ,भयणा // 1046 // . थूलतसपाणरक्खण अहिगारी नो परं स सुहुमेसु / गिहिवावारे जइ वि हु किं पुण अरिहाइभत्तीसु // 1047 // तिकरणतिजोगजुत्तं पच्चक्खाणं सया मुणीणं च / . सड्ढाणं संथारे अहवा वत्थु समणुपप्प , // 1048 // कयपुढविपच्चक्खाणे पडिमाकारावणे वि न हु दोसा / जलजलणपवणवणाणं ठाणाठाणं न कुविज्जा // 1049 // जिणपूयाइनिमित्तं जइ कुज्जा अप्पणो सिया सड्ढो / जइ अण्णो न सहाओ हविज्ज नो तत्थ वयदक्खो // 1050 // पूयाए कायवहो जइ वि हु हुज्जा तहा विसुद्धगणं / जलगलणधम्ममिव जं निरविज्जप्पाण सुहजोगं . // 1051 / / जत्थ य सुहजोगाण पवित्तिमेत्तं च पापनिवित्ती / तं भत्तिजुत्तिजुत्तं परनिरवज्जं न सावज्जं // 1052 // जयणा तसाण निच्चं कायव्वा सा वि जइ अणाभोगे / . जं तह पायच्छित्तं जहारिहं तत्थ घेत्तव्वं // 1053 // तिगरणतिजोगजुत्ता मुणिणो वि हु तत्थ जं पए भासा / विहिफलनिसेहमोणप्पयारिया भत्तिकज्जेसु // 1054 // 232