SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 215
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ इरियासमिए 1 सया जए उवेह भुंजेह व पाणभीयणं 2 / आयाणनिक्खेवदुर्गच्छ-संजए 3 समाहिए 4 संजए मणोवई 5 // 740 // अहस्स सच्चे 1 अणुवीइभासए 2 जो कोह 3 लोह 4 भयमेव 5 वज्जए सदीहरायं समुपेहिया सया मुणी हु मोसं परिवज्जए सया // 741 / / सयमेव उग्गह जायणे 1 पुणो मइमं निसंम 2 सइभिक्खुउग्गहं 3 / अणुन्नवीय भुंजिय पाणभोयणं 4 जाइत्ता साहम्मियाण उग्गहं५ // 742 // आहारगुत्ते 1 अविभूसियष्पा र इत्थिं न निज्झाइ 3 न संथवेज्जा 4 / बुद्धे मुणी खुड्डकहं न कुज्जा 5 धम्माणुपेही संधए बंभचेरं // 743 // जे सद्द 1 रूव 2 रस 3 गंध 4 मागए फासे 5 अ संपप्प मणुन्नपावं 15 / गिहिपओसं न करेय पंडिए से होइ दंते विरए अकिंचणे // 744 // कंदप्प 1 देव किब्बिस 2 अभिओगा 3 आसुरी य 4 संमोहा 5 / एमा हु अपसत्था पंचविहा हुंति पणवीसा 25 // 745 // तिविहेण करणजोएण संजओ सुसमाहिओ। पसत्था जुंजए सम्मं चयइ इमा अप्पसत्था य . // 746 // पंच नियंठा भणिया पुलाय 1 बउसा 2 कुसील 3 निग्गंथा 4 / होइ सिणाओ य 5 तहा एक्केक्को सो भवे दुविहो // 747 // धन्नमसारं भन्नइ पुलायसद्देण तेण जस्स समं / चरणं सो उ पुलाओ लद्धीसेवाहि सो य दुहा // 748 // संघाइयाण कज्जे चुण्णिज्जा चक्कवट्टिमवि जीए / तीए लद्धीइ जुओ लद्धिपुलाओ मुणेयव्वो // 749 // आसेवणापुलाओ पंचविहो नाणदंसणचरित्ते / लिंगम्मि अहासुहुमो होइ आसेवणानिरओ // 750 // उवगरणसरीरेहिं बउसो दुविहो य सो वि पंचविहो / आभोगाणाभोगसंवुडासंवुडसुहुमेहिं ___ // 751 // 206
SR No.004452
Book TitleShastra Sandesh Mala Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinayrakshitvijay
PublisherShastra Sandesh Mala
Publication Year2005
Total Pages310
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy