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________________ वीसमसमाहिठाणाणि चयइ तह सत्तगं विभंगस्स। एवं सगवीसगुणा मुणिहिं मणसा न झायव्वा (25) // 728 // इगवीसं सबलाणं 21 करण मईहि 2 असंवरचउक्कं 4 / एवं सगवीसगुणा 17 मुणीहिं मणसा न झायव्वा (26) // 729 / / भू१ जल 2 जलणा३निल 4 वण५-मिय साणं 6 रासहे७ कुकुडा८चकरा 9 / दीवग१० सुवण्ण 11 मुत्ता 12 हंसं१३ बुय१४-पोय 15 सिरिफलया१६॥७३०॥ तहवंस 17 संख१८तुंबय १९-चंदण 20 गुरु 21 मेह 22 चंदसारिच्छा 23 / वसह 24 गयंद 25 मयंदा 26 दिणयरतेया 27 सया मुणिणो(२७) / / 731 // इच्चाइणेगगुणगणनिट्ठवियट्ठप्पयारकम्मगणा / तिक्कालं पणमिज्जा ते मुणिणो. अत्तहरिसेण // 732 // गीयत्था संविग्गा निस्सल्ला चत्तगारवासंगा। . जिणमयउज्जोयकरा सम्मत्तपभावगा मुणिणो // 733 // उस्सग्गमग्गनिरया बीयपयनिसेविणो वि कारणओ / तो पुण मूलगुणम्मि उत्तरगुणेसु विसइ कइया // 734 // पवज्जं संपत्तं सिक्खं सुपरिक्खिऊण कुलवंता / गिहिवासे वि असंगा ते साहु चरित्तभद्दकरा // 735 // वय 5 समणधम्म 10 संजम 17 वेयावच्चं च 10 बंभगुत्तीओ 9 / नाणाइतियं 3 तव 12 कोह निग्गहाइ 4 चरणमेयं 70 // 736 // पिंडविसोही 4 समिई 5 भावण 12 पडिमा य१२ इंदियनिरोहो 5 / पडिलेहण 25 गुत्तीओ 3 अभिम्गहा 4 चैव करणं तु 70 / / 737 // मासाइसत्तंता पढमाबियतइयसत्तराइदिणा 10 / अहोराइ 10 एगराई 12 भिक्खुपडिमाण बारसगं // 738 // पढमाए एगमासो पवड्डमाणीओ सत्तमीसत्त / / सत्तदिणट्ठमिनवमीदसमी 10 अहराइ 11 इगराइ 12 // 739 // 205
SR No.004452
Book TitleShastra Sandesh Mala Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinayrakshitvijay
PublisherShastra Sandesh Mala
Publication Year2005
Total Pages310
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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