________________ सम्मत्तनाणसंजम जुत्तो सुत्तत्थतदुभयविहिण्णू / / आयरियठाणजुग्गो सुत्तं वाए उवज्झाओ // 692 // थिरसंघयणी जाइ-विसिट्ठकुलवं जिइंदिओ भद्दो / नोहीणअंगुवंगो नीरोगी वायणादक्खो // 693 // गुरुदत्तपरममंतो दिक्खोवट्ठावणापइट्ठासु / दक्खो लक्खगुणेहिं संजुओ वायगो भणिओ // 694 // थिरकरणा पुण थेरो पवित्तिवावारिएसु कज्जेसु / जो जत्थ सीयइ जई संतबलो तं थिरं कुणई // 695 // सम्मत्तनाणचरणा-इसु वत्थाईसु तह विहारेसु / सव्वेसु सहायत्तं किच्चा संजमथिरो कुणइ // 696 // तवसंजमजोगेसु जो जोगो तत्थ तं पवत्तेइ / / असुहं च निवत्तेइ गणतत्तिल्लो पवित्तीओ // 697 // संघस्सावि पवत्तइ आयरियाईहि गँजिओ संतो / वच्छल्लपभावणाइसु महत्तकारी पवित्तीओ // 698 // संपुण्णजोगवाही कालग्गहणप्पभिइअणुट्ठाणो / उज्जमइ उज्जमावइ जहजुग्गं सो गणी गच्छे // 699 // उट्ठावणा पहावणा खित्तोवहिमग्गणेसु अविसाई / / सुत्तत्थतदुभयविऊ गुणसिद्धो एरिसो अ गणी // 700 // ए पंचाः वि पयत्था लघुपज्जाया वि अवमरायणिया / पज्जायजिट्ठसामन्नसाहूणं वंदणिज्जा य // 701 // सामन्नत्तं गुरुकयपयमत्तमविक्खिऊण विण्णेयं / . सामन्ना अवि मुणिणो-गुणरयणकरंडगब्भूया // 702 // जत्थ य पंच इमे वि नत्थि गणे सो हु पल्लिसारिच्छो / सम्मत्तरयणहरणे भव्वाण भवब्भमणसीलो . // 703 // 202