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________________ // 564 // // 565 // उप्पण्ण 1 विगय 2 मीसग ३-जीवा 4 जीवे 5 अ उभयमिस्सा य 6 / मिस्साणंत 7 परित्ता ८-अद्धा 9 अद्धद्ध 10 सच्चमुसा // 560 // . आमंतणि 1 आणवणी 2 जायणी 3 पुच्छणी य 4 पन्नवणी 5 / पच्चक्खाणी 6 इच्छा-णुलोमभासा 7 अणभिग्गहिया 8 // 561 / / अभिग्गहणी 9 संसय-करणी 10 वोगडगा 11 अवोकडा 12 भासा / एया असच्चामोसा बारसभेया पवित्तिधरा // 562 / / कोलतियं 3 वयणतियं 3 लिंगतियं 3 तह परोक्खपच्चक्खं 2 / उवणय १२विवज्जय१३अवभाव१४अवणय१५ मज्झत्थसोलसमं१६ // 563 / इइ सोलसवयणेहिं जुग्गाजुग्गं च संपरिक्खाए। . गुरुनिद्देसगओ मुणि पवयणसारं परिकहेइ / जो हेउवायनिच्छयववहारपभिइसत्तनयजुत्तं / जो देइ उवएसं सिद्धंतविराहओ अण्णो सामिय 1 जीवादत्तं 2 तित्थयर 3 गुरु 4 अदत्तमिह चउहा / मणसा वि न पत्थेइ दाइभेयओ चउहा // 566 // संरंभो संकप्पो परितावकरो भवे. समारंभो / आरंभो उद्दव्वओ सुद्धनयाणं सयलवत्थु // 567 // अट्ठदसभेयबंभं मणवयंकाएहिं करकारणअणुमईहिं / दिव्वोरालिय नवनव तिकालमज्जत्थि नो इच्छे // 568 // कामो चउवीसविहो संपत्तो खलु तहा असंपत्तो / चउदसहा संपत्तो दसहा होज्जा असंपत्तो . // 569 // . तत्थेह असंपत्तो इच्छा 1 चिंता 2 य सद्ध 3 संभरणं 4 / विक्कवय 5 लज्जनासो 6 पमाय 7 ओम्माय 8 तब्भावो 9 // 570 / / मरणं च होइ दसमो 10. संपत्तं पिय समासओ वोच्छं। दिट्ठीए संपाओ 1 दिट्ठीसेवा य 2 संभासो 3 // 571 // ૧ળ
SR No.004452
Book TitleShastra Sandesh Mala Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinayrakshitvijay
PublisherShastra Sandesh Mala
Publication Year2005
Total Pages310
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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