________________ धूमं पयंडकोहणसीलं सुविहियपओससंजणियं / / नियआणाभंगेण य करंति फग्गुप्पगिट्ठगुणं // 429 // . धामगारवरसियं नियपूयामाणसमुद्दउक्करिसं। लोगववहारदंसणगव्वेण गुणाण निक्करणं // 430 // जह सीसाइ निकितइ कोइ सरणागयाण जीवाण / तह गच्छमसारंतो गुरू वि सुत्ते जओ भणिओ // 431 // उम्मग्गम्मि पविट्ठो उम्मग्गपरूवओ सहायकरो / सुविहियजणपडिकूलो आयरिओ वि तहा जाण // 432 // जे लोइयकज्जरया धणट्ठिणो भत्तलोयकयथुणणा / . सुविहियजणाण अहिया ते पासंडा कुसीला य // 433 // अगीयत्थकुसीलेहिं संगं तिविहेण वोसिरे / मुक्खमग्गम्मि मे विग्धं पहम्मि तेणगं नहा // 434 // आयरियप्पमुहा य एयारिच्छा य हुंति जत्थ गणे। किंपागफलयसरिसो संजमकामीहिं मुत्तव्वो // 435 // वरं वाही वरं मच्चू वरं दारिद्दसंगमो। .. वरं अरण्णे वासो य मा कुसीलाण संगमो // 436 // हीणायारो वि वरं मा कुसीलाण संगमो भदं / जम्हा हीणो अप्पं नासइ सव्वं हु सीलनिहिं // 437 // अंबस्स य निंबस्स य दोण्हं पि समागयाइं मूलाई / संसग्गीए विणट्ठो अंबो निबत्तणं पत्तो // 438 // जो जारिसेण मित्तिं करेइ अचिरेण तारिसो होइ। कुसुमेहिं संवसंता तिला वि तग्गंधिया हुंति // 439 // (अत्र नोदकः)सुचिरं पि अच्छमाणो वेरुलिओ कायमणी अउम्मीसो / नहु चयइ कायभावं पाहन्नगुणेण नियएण // 440 // 180