________________ जक्खाइगुत्तदेवयपूया पूयावणाइ मिच्छत्तं / .. सम्मत्ताइनिसेहे तेसिं मुल्लेण वा दाणं . . // 405 // . नंदिबलिपीढकरणं हीणायाराण मयनियगुरूणं / वक्खाणस्स य मज्झे महिला गायंति अप्पगुणा // 406 // केवलथीणं पुरओ वक्खाणं पुरिसअग्गओ अज्जा। कुव्वंति जत्थ मेरा नडपेडकसंनिहा जाण // 407 // कयसिंगारो अज्जा सभासु पुरओट्ठिया कयकडक्खा / अहवा भोयणवेलासु इत्थीरज्जं न तं गच्छं // 408 // . इइ बहुहा सावजं जिणपडिकुटुं च गरहियं लोए। ... जे सेवंति कुमग्गं करंति कारंति निद्धम्मा // 409 // इह परलोयहयाणं सासणजसघाईणं कुदिट्ठीणं / कह जिणदंसणमेसि को वेसो किं च नमणाइ // 410 // बाला वयंति एवं वेसो तित्थंकराण एसो वि / नमणिज्जो धिद्धी अहो सिरसूलं कस्स पुक्करिमो // 411 // ते लोयाणं पुरओ वयंति एवं खु किं करिस्सामो / सामग्गीअभावाओ वक्कजडाणं पुणों कालो // 412 // दूसमकाले दुलहो विहिमग्गो तम्मि चेव कीरंते / . जायइ तित्थुच्छेओ तम्हा समए पवत्तव्वं // 413 // पुव्वं पवयणभणिया विहिपुण्णा साहुसावगा कत्थ / जम्हा ते सिवगमणा संपइ मुक्खस्स विच्छेए // 414 // धिइसंघयणबलाइहाणी इह जिणवरेहिं निद्दिट्ठा / को भेओ सुहअसुहाण केसिं चिय कुग्गहो एसो // 415 // बहुजणपवित्तिमित्तं लोयपवाहेण किज्जए धम्मो / जइ निम्मलं मणं चिय तो सव्वत्थावि पुण्णफलं . // 416 // 108