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________________ जत्थ य अहिंसभावो तत्थ य सुहजोयकारणं भणियं / अणुबंधहेउरहिओ वट्टइ इह तेण नो हिंसा // 201 // आभोगाणाभोग-भेओ दव्वत्थओ दुहा होइ / णिव्वित्तिपवित्तीहिं दुहा वि चउहा मुणेयव्वो // 202 / / देवगुणपरिन्नाणा तब्भावाणुगयमुत्तमं विहिणा / आयरसारं जिणपूयणेण आभोगदव्वत्थओ // 203 // पत्तो चरित्तलाभो होइ लहुं सयलकम्मनिद्दलणो / ता एत्थ सम्ममेव हि पयट्टियव्वं सुदिट्ठीहिं // 204 // पूयाविहिबिरहाओ अपरिन्नाणाओ जिणगयगुणाणं / सुहपरिणामकयन्ना एसो णाभोगदव्वत्थओ // 205 // गुणठाणगठाणत्ता एसो एवं पि गुणकरो चेव / सुहसुहयरभावविसुद्धी-हेउओ बोहिलाभाओ // 206 // अकिरियभावगुणेहिं वड्डइ जह जह हविज्ज ता तत्थ / भावत्थवो वि जा जोगि-गुणम्मि सकिरियम्मि दव्वत्थओ // 207 // असुहक्खएण धणियं धन्नाणं आगमेसिभदाणं / अमुणियगुणो वि नूणं विसए पीई समुच्छलइ // 208 // होइ पउसो विसए गुरुकम्माणं भवाभिनंदीणं / पच्छम्मि आउराणय उवट्ठिए निच्छए मरणे // 209 // एत्तो चिय तत्तन्नू जिणबिंबे जिणवरिंदधम्मे वा / / असुहब्भंसभयाओ पओसलेसं पि वजंति // 210 // दुविहा जिणिंदआणा आयरणपरिहारएण बोधव्वा / सुकडाणं आयरणं निसेहगाणं च परिहारो // 211 // जम्हा निसेहकरणे अबोहिबोहि वि तं तया करणे / एवं जिणभत्तीए अविहिच्चाओ विसेसफलो // 212 // 11
SR No.004452
Book TitleShastra Sandesh Mala Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinayrakshitvijay
PublisherShastra Sandesh Mala
Publication Year2005
Total Pages310
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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