________________ सो तप्पभावओ च्चिअ खविउं तं पुव्वदुक्कडं कम्मं / जायइ विसुद्धजम्मो जोगो अ पुणो वि चरणस्स // 1692 / / एसो अ होइ तिविहो उक्कोसो मज्झिमो जहण्णो अ। लेसादारेण कुडं वोच्छामि विसेसमेएसि // 1693 // सुक्कार लेसाए उक्कोसगमंसगं परिणमित्ता। जो मरइ सो हु णिअमा उक्कोसाराहओ होइ // 1694 / / जे सेसा सुक्काए अंसा जे आवि पम्हलेसाए। ते पुण जो सो भणिओ मज्झिमओ वीअरागेहिं // 1695 // तेऊलेसाए जे अंसा अह ते उ जे परिणमित्ता। मरइ तओ वि हु णेओ जहण्णमाराहओ इत्थ // 1696 // एसो पुण सम्मत्ताइभंगओ चेव होइ विण्णेओ। ण उ लेसामित्तेणं तं जमभव्वाण वि सुराण // 1697 // आराहगो अ जीवो तत्तो खविऊण दुक्कडं कम्मं / जायइ विसुद्धजम्मा ज़ोगो वि पुणो वि चरणस्स . // 1698 // आराहिऊण एवं सत्तभवाणमारओ चेव। . तेलुक्कमत्थअत्थो गच्छइ सिद्धि णिओगेणं // 1699 // सव्वण्णुसव्वदरिसी निरुवमसुहसंगओ उ सो तत्थ। जम्माइदोसरहिओ चिट्ठइ भयवं सया कालं // 1700 // एयाणि पंच वत्थू आराहिंता जहागमं सम्म / तीअद्धाएँ अणंता सिद्धा जीवा धुअकिलेसा // 1701 // एयाणि पंच वत्थू आराहिंता जहागमं सम्मं / इण्डिं पि हु संखिज्जा सिझंति विवक्खिए काले // 1702 // एयाणि पंच वत्थू आराहित्ता जहागमं सव्वं / एसद्धाएऽणंता सिज्झिस्संती धुवं जीवा // 1703 // 142