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________________ जं किंचि पमाएणं ण सुठ्ठ भे वट्टिअं मए पुब्बिं / तं भे खामेमि अहं णिस्सल्लो णिक्कसाओ त्ति . // 1416 / / दव्वाई अणुकूले महाविभूईएँ अह जिणाईणं / अब्भासे पडिवज्जइ जिणकप्पं असइ वडरुक्खे // 1417 // दाराणुवायमो इह सो पुण तइआए भावणासारं / काऊण तं विहाणं णिरविक्खो सव्वहा वयइ // 1418 // पक्खीपत्तुवगरणे गच्छारामा विणिग्गए तम्मि। चक्खुविसयं अईए अयंति आनंदिया साहू // 1419 / / आभोएउं खेत्तं णिव्वाघाएण मासणिव्वाहि / गंतूण तत्थ विहरइ एस विहारो समासेण // 1420 // एत्थ य सामायारी इमस्स जा होइ तं पवक्खामि / भयणाएँ दसविहाए गुरूवएसानुसारेण न // 1421 / / इच्छा मिच्छ तहकार आवस्सि निसीहिया य आपुच्छा। पडिपुच्छ छंदण णिमंतणां य उवसंपया चेव // 1422 // आवस्सिणिसीहिमिच्छापुच्छणमुवसंपयम्मि गिहिएसु / अण्णा सामायारी ण होइ से सेसिआ पंच // 1423 // आवस्सिअं निसीहिअ मोत्तुं उवसंपयं च गिहिएसु / सेसा सामायारी ण होइ जिणकप्पिए सत्त // 1424 // अहवा वि चक्कवाले सामायारी उ जस्म जा जोगा। सा सव्वा वत्तव्वा सुअमाईआ इमा मेरा // 1425 // सुअसंघयणुवसग्गे आयंके वेअणा कइ जणा उ। . थंडिल्ल वसहि केच्चिर उच्चारे चेव पासवणे // 1426 // ओवासे तणफलए सारक्खणया य संथवणया य। . पाहुडिअ अग्गिदीवे ओहाण वसे कइ जणाओ // 1427 / / 119
SR No.004452
Book TitleShastra Sandesh Mala Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinayrakshitvijay
PublisherShastra Sandesh Mala
Publication Year2005
Total Pages310
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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