________________ रज्जुम्मि सप्पणाणं एमादि जमुत्तमेयमवि मोहो / बज्झत्थाभावे जं रज्जूसप्पो कुतो एयं ? // 720 // सिय भंतिमेत्तमेयं वत्तव्वं को इमीए हेउ त्ति ? | निरहेगा ण जुत्ता सइभावाभावदोसाओ // 721 // अह तु अविज्जाहेतू सा वि ण णाणा पुढो तुहं काई / तं पि इह हेउ नाणं तओ विसेसो य पडिभणिओ // 722 // किंचेह सच्चपुव्वा दिट्ठा भंती मरीयिमादीसु / तं पुण किमेत्थ विन्नाणमेत्तमेतंपि पडिसिद्धं // 723 // विनाणमेत्तपक्खे वि जं व रागादिया धुवं दोसा / / ता तेण तन्निमित्ता को णु पओसो तुहऽन्नत्थ ? // 724 // सिय तब्बुद्धिनिमित्ताऽसंतो सो बुद्धिकारणं किह णु ? / जह वंझापुत्तादी ण तत्थ संबंधपडिसेहा // 725 // एवं किमत्थि अन्नं ? जमेत्थ उद्दिस्स अत्थजोगस्स / / कीरइ पडिसेहो सति च तम्मि अत्थो कहं नत्थि ? // 726 // सिय सव्वक्खोवक्खारहिओ वंझासुओ मओ एत्थ / कह तम्मि हंत नाणं अभिहाणं वा वि पुव्वुत्तं ? // 727 // भावोवलंभओ च्चिय केइ अभावो वि गम्मती तुच्छो / एयमिह उवलभामि एयं तु न (नेव) त्ति विनाणा // 728 // तुच्छत्तं एगंता एतं तु णेवत्तिसद्दवित्तीउ / कह सिज्झति त्ति ? तम्हा वत्थुसहावो अभावो वा // 729 // भावेविनतुच्छम्मि(तम्मियभावेऽवऽस्सनतुच्छे) नाणंसदोयसव्वहाकमति ता वंझासुतणातं न संगयत्थं ते (स) विन्नाणा // 730 // इय अस्थि नाणगम्मो बज्झो अत्थो न अन्नहा णाणं / जुज्जइ सागारं तह बुद्धस्स य दाणपारमिता // 731 // 81