________________ ता आलयातो भिन्नाभिन्ना वा होज्ज ? भेदपक्खम्मि / ता चेव उ बज्झत्थोऽभेदे सव्वाणमेगत्तं // 696 // एगो स आलयो जं तत्तोऽभिन्नाण णत्थि नाणत्तं / नाणत्ते वि य पावति तदभेदा आलयबहुत्तं // 697 // अह ता भिन्नभिन्ना विरोहतो णेस संगतो पक्खो / ण य एगंतावच्चा अवच्चसद्दप्पवित्तीओ // 698 // परिगप्पिता तु अहता विसिट्ठफलकारणं कहन्नु मता ? / तब्भावा फलभावे अतिप्पसंगो स चाणिट्ठो // 699 // ता जो इमस्स हेतू सो च्चिय बज्झत्थमोऽवसेणा वि / अब्भुवगंतव्वमिदं एवं बज्झत्थसिद्धीओ // 700 // अह तु सहावो हे भावोऽभावो व होज्ज ? जती भावो। . सो चेव उ बज्झत्थो अह तु अभावो ण हेउ त्ति // 701 // सो भावो त्ति सहावो तस्सेव जमायरूवमो अह उ / तं चेव कारणंतरविंगलं पीतादिहेउ त्ति // 702 // नीलत्ते सामन्ने कारगवियलत्तणे य किन्नेवं ? / अन्नं पि नीलहेऊ जायइ पीतादिहेउ त्ति // 703 // अह तं विसिट्ठगं चिय वइसिटुं हंत किंकयं तस्स ? / अह तु सहेतुकयं चिय ण तेसि तत्ताविसेसातो // 704 // नीलक्खणजणगातो जाओ तस्सेव जुज्जई हेऊ। भेदंगभावाभावा अतीतनीलक्खणा जह उ // 705 // कालो उ भेदगो चेव तब्भावे कह ण बज्झसिद्धि त्ति ? | . नाणंतरं पि भिन्नाभिन्नद्धमजुत्तमेजुत्तं (मेगंता) // 706 // जायइ य नीलसंवेदणाउ (तो) पीतादि तुह मतेणावि / ता जो इमस्स हेतू सो चिय बज्झत्थ मो नेओ // 707 //