________________ ता तीए किरियाए जोग्गयं उवगयाण णो गच्छे / हंदि उविक्खा णैया अहिगयरगुणे असंतम्मि // 880 // परमो दिक्खुवयारो जम्हा कप्पोचियाण वि णिसेहो। सइ एयम्मि उ भणिओ पयडो च्चिय पुव्वसूरीहिं // 881 // अब्भुज्जयमेगयरं पडिवज्जिउकामो सो वि पव्वाओ (वे) / गणिगुणसलद्धिओ खलु एमेव अलद्धिजुत्तो वि // 882 // तं चावत्थंतरमिह जायइ तह संकिलिट्ठकम्माओ / पत्थुयनिवाहिदट्ठाइ जह तहा सम्ममवसेयं // 883 // अहिगयसुंदरभावस्स विग्घजणगंतिसंकिलिटुं च / तह चेव तं खविज्जइ एत्तो च्चिय गम्मए एयं // 884 // एत्तो अईव णेया सुसिलिट्ठा धम्मकायपीडा वि। अंताइणो सकामा तह तस्स अदीणचित्तस्स // 885 // न हु पडइ तस्स भावो संजमठाणाउ अवि य वड्ढेइ / ण य कायपायओ वि हु त्यभावे कोइ दोसो त्ति // 886 // चित्ताणं कम्माणं चित्तो च्चिय होइ खवणुवाओ वि / अणुबंधछेयणाई सो उण एवं ति णायव्वो // 887 // इहरा उ णाभिहाणं जुज्जइ सुत्तम्मि हंदि एयस्स / एयम्मि अवसरम्मी एसा खलु तंतजुत्ति त्ति // 888 // अण्णे भणंति एसो विहियाणुट्ठाणमागमे भणिओ / पडिमाकप्पो सिट्ठो दुक्करकरणेण विण्णेओ // 889 // विहियाणुट्ठाणं पि य सदागमा एस जुज्जई एवं / जम्हा ण जुत्तबाहियविसओ वि सदागमो होइ // 890 // जुत्तीए अविरुद्धो सदागमो सा वि तयविरुद्ध त्ति / . इय अण्णोण्णाणुगयं उभयं पडिवत्तिहेउ त्ति // 891 // 209