________________ तस्स य तहपरिणामे परिणामित्तं पसज्जती तह य / ल्हायादिसंहावत्ता तद्धम्मत्तं सुहादीणं // 216 // सुहदुक्खे सातेतरकम्मोदयजे जिणेहि पण्णत्ते / आयपरिणामरूवे ऊहाविन्नाणगम्मे त्ति // 217 // एवं अणुहवसिद्धो घडपडसंवेदणादिभेदो वि / एगंतणिच्चपक्खे न संगतो बंधमोक्खो य // 218 // ण य णाणं णाणिस्सा एगंतेणेव जुज्जते अण्णं / पडिवत्तादी ण तओ तस्स हवेज्जा जहऽन्नस्स // 219 // हिंसादिपरिणती बंधकारणं सा य णिच्चपक्खम्मि / एगसहावत्ता सति ण जुज्जते णिच्चभावो वा // 220 // तम्हा ण जातु बंधो कारणविरहार्तो णिच्चबंधो वा / बंधऽद्धाभेदम्मि य अणिच्चया पावती तस्स // 221 // तदभेदम्मि य एगम्मि चेव समयम्मि सव्वबंधातो। बिइए अबंधगत्तं सहावभेदाउ तोऽणिच्चो // 222 // हिंसादिविरतिपरिणती मोक्खस्स वि कारणं तु जा सिद्धा / सा वि हु वियप्पियव्वा एवं जहसंभवं सम्मं // 223 // तत्तो ह परिणतीओ भिन्ना एताओ होंति तो तस्स / पावइ उभयाभावो भावम्मि यऽतिप्पसंगो उ // 224 // अण्णस्स बंधमोक्खा ण अप्पणो बालवयणसरिसमिणं / तस्स वि य णिच्चपक्खे एमेव ण संगता ते उ // 225 // परिणामम्मि य णणु तस्स चेव जुज्जति किं ततोऽण्णेण / अपमाणेणं परिकप्पितेण अष्णाणपिसुणेणं ? // 226 // इय दिट्ठादिट्ठविरोहभावतो सव्ववत्थुविसओ उ / एगंतणिच्चपक्खो मिच्छत्तं होइ णेतव्वो // 227 //