________________ एत्थं पुण अइयारा णो परिसुद्धेसु होति सव्वेसु / अक्खंडविरइभावा वज्जइ सव्वत्थ तो भणियं // 33 // सुत्तादुपायरक्खणगहणपयत्तविसया मुणेयव्वा / कुंभारचक्कभामगदंडाहरणेण धीरेहि // 34 // गहणादुवरि पयत्ता होइ असन्तो वि विरइपरिणामो / अकुसलकम्मोदयओ पडइ अवण्णाइ लिंगमिह तम्हा णिच्चसत्तीए बहुमाणेणं च अहिगयगुणम्मि / पडिवक्खदुगंछाए परिणइआलोयणेणं च // 36 // तित्थंकरभत्तीए सुसाहुजणपज्जुवासणाए य / उत्तरगुणसद्धाए य एत्थ सया होइ जइयव्वं // 37 // एवमसंतो वि इमो जायइ जाओ वि ण पडइ कयाई / ता एत्थं बुद्धिमया अपमाओ होइ कायव्वो // 38 // एत्थ उ सावयधम्मे पायमणुव्वयगुणव्वयाई च / आवकहियाई सिक्खावयाई पुण इत्तराई ति // 39 // संलेहणा य अंते ण णिओगा जेण पव्वयइ कोई। तम्हा णो इह भणिया विहिसेसमिमस्स वोच्छामि // 40 // :: निवसेज्ज तत्थ सद्धो (सड्डो) साहूणं जत्थ होइ संपाओ / - चेइयहराई जम्मि य तयण्णसाहम्मिया चेव // 41 // णवकारेण विबोहो अणुसरणं सावओ वयाई मे। जोगो चिइवंदणमो पच्चक्खाणं च विहिपुव्वं // 42 // तह चेईहरगमणं. सक्कारो वंदणं गुरुसगासे / . पंच्चक्खाणं सवणं जइपुच्छा उचियकरणिज्जं // 43 // .. अविरुद्धो ववहारो काले तह भोयणं च संवरणं / चेहरागमसवणं सक्कारो वंदणाई य // 44 // 207