________________ गुरुमूले सुयधम्मो संविग्गो इत्तरं व इयरं वा / वज्जित्तु तओ सम्मं वज्जेइ इमे य अइयारे // 9 // बंधवहं छविच्छेयं अइभारं भत्तपाणवोच्छेयं / कोहाइदूसियमणो गोमणुयाईण णो कुणई // 10 // थूलमुसावायस्स य विरई सो पंचहा समासेणं / कण्णागोभोमालिय णासहरणकूडसक्खिज्जे // 11 // इह सहसब्भक्खाणं रहसा य सदारमन्तभेयं च / मोसोवएसयं कूडलेहकरणं च वज्जेइ // 12 // थूलादत्तादाणे विरई तं दुविहमो विणिद्दिटुं (हमो उ णिद्दिटुं)। सच्चित्ताचित्तेसु लवणहिरण्णाइवत्थुगयं // 13 // वज्जइ इह तेणाहडतक्करजोगं. विरुद्धरज्जं च / कूडतुलकूडमाणं तप्पडिरूवं च ववहारं // 14 // परदारस्स य विरई उरालवेउविभेयओ दुविहं / एयमिह मुणेयव्वं सदारसंतोस मो एत्थ / // 15 // वज्जइ इत्तरिअपरिग्गहियागमणं अणंगकीडं च / परवीवाहक्करणं कामे तिव्वाभिलासं च // 16 // इच्छपरिमाणं खलु असयारंभविणिवित्तिसंजणगं / / खेत्ताइवत्थुविसयं चित्तादविरोहओ चित्तं // 17 // खेत्ताइहिरण्णाईधणाइदुपयाइकुप्पमाणक्मे / जोयणपयाणबंधणकारणभावेहि. णो कुणइ // 18 // उड्डाहोतिरियदिसिं चाउम्मासाइकालमाणेणं / गमणपरिमाणकरणं गुणव्वयं होइ विनेयं // 19 // वज्जइ उड्डाइक्कममाणयणप्पेसणोभयविसुद्धं / तह चेव खेत्तवुडि कर्हिचि सइअंतरद्धं च // 20 // 205