________________ अस्स य पमाणभावं माणंतरयं च उवरि वोच्छामि / णासंगतमेत्तेणं वादीणं वत्थुणोऽभावो . // 132 // ण य संगया पवादी भूतेसु वि अह य ताणि विज्जंति / ... णज्जंति य एवं चिय आगमपक्खे वि को दोसो ? // 133 // जो पडिसेहेइ तथा स एव जीवो त्ति जुत्तमेयं पि / भूतेहि चेतनं अण्णनिमित्तं जओ ठवियं // 134 // संतस्स णत्थि णासो एंगतेणं ण यावि उप्पातो।। अत्थि असंतस्स तओ एसो परलोगगामी य // 135 // बालाइपज्जवातो जुवादि जह होइ पज्जवो इहयं / एवं मणुस्सभावा सुरभावो होइ परलोगो // 136 // ण य पडिसेहो वि इहं कप्पइ चेतण्णसंगते काए / तस्सेवाभावातो ण कायमेत्ते य सो दिट्ठो // 137 // एत्तो च्चिय णाभावो दाणादिफलस्स मणप्पसादादी। इहलोगम्मि वि दिट्ठा परलोगे किं न जुत्तत्ति ? . // 138 // किरियाफलभावातो दाणादीणं फलं किसीए व्व / तं दिटुं चेव मती जसकित्तीलाभमादीयं . // 139 // इहरा य किसीए वि हु पावेइ अदिट्ठमेव तं पऽत्थि / तस्स परिणामरूवं सुहदुक्खफलं जतो भुज्जो // 140 // तदभावम्मि य मुत्ती पावइ णियमेण सव्वसत्ताणं / एवं च भवसमुद्दो ण घडइ पच्चक्खदिट्ठो वि // 141 // तुल्लफलसाधगाणं तुल्लारंभाण इट्ठविसयम्मि / दीसइ य फलविसेसो स कहं अद्दिट्टऽभावम्मि? // 142 / / अद्दिढेगंतफला तम्हा किरिया इहं मता सव्वा / दिट्ठाणेगंतफला सा वि अदिट्ठाणुभावेणं // 143 // 12