________________ वणिकन्न राय रागे वरणं णो पुत्त रज्ज न करेमि / तुह पुत्त न परिणेमी कालेणं बंभयारि त्ति // 247 // : दिन्ना पुत्तो राया भीमो गिहबंभ सक्कथुति आणा / देवाऽऽयल्लग गणिया वावज्जति निक्किवाऽधम्मो // 248 // आणाभावणजोगा रागाभावो इमस्स धीरस्स। .. वयभंसपाववाव त्ति रक्खणे सुकरुणा धम्मो // 249 // आयारामो जाओ आणं सरिऊण वीयरागाणं / इय धम्मो सेसाण वि विसए एयं करेंताणं // 250 // अन्ने गयपिंडो दब्महत्थगाणातो दब्भदाणेणे / भीमं पियामहं खलु पाएणेवं चिय कहेंति // 251 // एवं च पारतंतं आणाए णो अभिन्नगंठीणं / परिसोतोऽभिमुहाण वि पायमणाभोगभावाओ // 252 // गंठिगसत्ताऽपुणबंधगाइयाणं पि दव्वतो आणा / नवरमिह दव्वसद्दो. भइयव्वो समयणीतीए . // 253 // एगो अप्पाहन्ने केवलए चेव वट्टती एत्थ / / अंगारमद्दगो जह दव्वायरिओ सयाऽभव्वो // 254 // अन्नो पुण जोगत्ते चित्ते णयभेदओ मुणेयव्वो / वेमाणिओववाउ त्ति दव्वदेवो जहा साहू // 255 // तत्थाभव्वादीणं गंठिगसत्ताणमप्पहाण त्ति / इयरेसि जोग्गताए भावणाकारणत्तेण // 256 // लिंगाण तीएँ भावो न तदत्थालोयणं ण गुणरागो। . णो विम्हओ ण भवभयमिय वच्चासो य दोण्हं पि // 257 // अंगारमद्दगो च्चिय आहरणं तत्थ पढमपक्खम्मि। गोविंदवायगो पुण बीए खलु होति णायव्वो // 258 // 138